रांचीः केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शनिवार को राजधानी के भाजपा मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के विषय को रखा. उन्होंने बताया कि वह झारखंड में सामाजिक कार्यों के लिए आए हैं, लेकिन इस अवसर का सदुपयोग करते हुए राज्यपाल से औपचारिक मुलाकात की है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर कई विषयों पर चर्चा की है. जिसका फायदा झारखंड राज्य को होगा. उन्होंने कहा कि आज का दिन देश के लिए गौरव का दिन है, क्योंकि आज ही से दुनिया की सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है और झारखंड में भी इसकी शुरुआत हुई है.
स्टील विभागों का झारखंड में अनेक काम
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है. इसके साथ ही झारखंड प्रदेश के विकास के लिए कई विषयों पर भारत सरकार और राज्य सरकार किस तरह से काम को आगे बढ़ाएंगे, उस पर चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि वह विशेषकर स्टील मिनिस्ट्री का काम देखते हैं. ऐसे में स्टील विभागों का झारखंड में अनेक काम हैं और बड़े स्टेकहोल्डर हैं.
उन्होंने कहा कि सेल बोकारो स्टील प्लांट, निजी उद्योग में टाटा जैसे उद्योग, कुछ भारत सरकार की कंपनी की ओर से सिंदरी फर्टिलाइजर प्लांट की रिवाइवल, प्रदेश में प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा के तहत गैस पाइप लाइन और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट के साथ-साथ विशेषकर आयरन उत्पादन कैसे बढ़े और पुराने स्टॉक भारत सरकार के नए नियम के तहत कैसे बिक्री किए जाएं, जिसका फायदा राज्यों को होने वाला है. इस पर मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस विषय पर झारखंड के हित में भारत सरकार की ओर से जिम्मेदारी ली जाएगी और दोनों को फायदा होगा.
राज्य में बढ़ेगा रोजगार
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी-अभी भारत सरकार ने खनिज संपदा के बारे में और सुधारवादी कदम उठाए हैं, कई रिफॉर्म लाए हैं. जिसका सबसे ज्यादा फायदा झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा जैसे राज्यों को मिलेगा. जिससे राज्य में रोजगार भी बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नीति बनाई है, जो राज्य में उद्योग धंधा को बढ़ावा देगी.
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राज्य का हजारों करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया
वहीं झारखंड राज्य का हजारों करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया होने के बावजूद डीवीसी की ओर से पैसे काटे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इन सारे विषयों पर प्रशासनिक स्तर पर चर्चा हो रही है, निश्चित रूप से कुछ न कुछ समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार हो या राज्य सरकार सभी नियम में बंधे हुए हैं. उसी के तहत कोई हल निकलेगा.
पेट्रोलियम प्रोडक्ट की डिमांड
वहीं पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को लेकर लगातार हो रहे विरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना काल के बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट की डिमांड घट गई, जिससे क्रूड ऑयल का उत्पादन भी घटा. ऐसे में डिमांड और सप्लाई की मिसमैच के कारण कच्चे तेलों के दाम में उछाल आई, जिसका असर भारत के बाजार पर भी पड़ा है, लेकिन पिछले 1 दिन से कच्चे तेल के दामों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि यह ऊपर नीचे होता रहता है, लेकिन सारे विषय पर नजर बनाए हुए हैं.