देवघर: वर्ष 2024 अब समाप्त होने वाला है. दिसंबर महीना के समाप्त होते ही वर्ष 2025 की एंट्री हो जाएगी. लेकिन वर्ष 2024 राजनीतिक दलों के लिए बेहद खास रहा. देवघर जिले की अगर बात करें तो वर्ष 2024 विधानसभा चुनाव में देवघर जिला पूर्ण रूप से भाजपा मुक्त हो गया. जिले की तीनों विधानसभा सीट पर इंडीया ब्लॉक ने कब्जा कर लिया है, जो राजनीतिक रूप से भी एक यादगार लम्हा साबित हुआ.
साल 2024 के सितंबर महीने से पूरे जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई थी. संथाल परगना का देवघर जिला राजनेताओं के लिए केंद्र बिंदु बना रहा. भारतीय जनता पार्टी के हिमंता बिस्वा सरमा हो या फिर शिवराज सिंह चौहान, सभी नेता संथाल परगना पर अपना दबदबा कायम करने के लिए देवघर को ही अपना केंद्र बनाए हुए थे.
एयरपोर्ट रहा राजनीति का केंद्र बिंदु
वर्ष 2024 के सितंबर महीने से देवघर का एयरपोर्ट सबसे ज्यादा लोगों की नजरों पर रहा, क्योंकि यहीं से संथाल परगना के किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए बड़े-बड़े नेताओं का आगमन होता रहा. प्रधानमंत्री हो या गृह मंत्री सभी के हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज देवघर एयरपोर्ट पर ही लैंड होते थे और यहीं से सभी नेता अपने अपने सभा स्थल के लिए रवाना होते थे. नवंबर के आखिरी सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हवाई जहाज की तकनीकी खराबी यहीं पर आई थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कई घंटे देवघर एयरपोर्ट पर ही बिताए थे.
इसके अलावा वर्ष 2024 में देवघर के बाबा मंदिर में कई नेताओं का आवागमन देखने का मिला. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सभी ने चुनाव के दौरान बाबा मंदिर में अपना सर झुकाकर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया और देवघर की विकास की बात की.
चुनाव को लेकर नेताओं की राय
राजनीतिक दल के नेताओं की अगर माने तो देवघर जिला के महामंत्री संतोष कुमार उपाध्याय बताते हैं कि इस साल भारतीय जनता पार्टी ने निश्चित रूप से हार का सामना किया है, लेकिन वर्ष 2024 भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद खास भी है. क्योंकि इसी वर्ष भारतीय जनता पार्टी के वोट प्रतिशत में खासा बढ़ोतरी भी हुई है.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सूरज झा बताते हैं कि वर्ष 2024 झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए बहुत ही अच्छा रहा है, क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने राजनीतिक कार्यकाल में सबसे ज्यादा सीटें पाकर विधानसभा में पहुंचा है. वहीं वर्ष 2024 में ही राज्य की सबसे बेहतर योजना मंईयां सम्मान को लाया गया. जिसका लाभ राज्य की आधी आबादी को मिली और आने वाले समय में ऐसी योजनाओं की झंडी देखने को मिलेगी.
सीएम सोरेन के प्रस्तावक का बीजेपी में शामिल होना
राजनीतिक गतिविधि की बात करें तो चुनाव से ठीक पहले दीपावली के बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्तावक और बिरसा मुंडा के वंशज मंडल मुर्मू को देवघर में ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कराया गया था. जिसको लेकर पूरे राज्य की नजर देवघर पर टिकी हुई थी. इसके अलावा देवघर विधानसभा चुनाव का परिणाम भी पूरे राज्य के लोगों के लिए आश्चर्यचकित करने वाला रहा.
दस साल से काबिज दोनों सीट से बीजेपी की हार
देवघर विधानसभा सीट से दस वर्षों तक लगातार विधायक रह चुके नारायण दास हार गए. देवघर जिले के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही. वर्ष 2024 में वहां का चुनाव परिणाम भी भारतीय जनता पार्टी के लिए कभी ना भूलने वाला रहा. लगातार मंत्री और सारठ विधानसभा सीट से विधायक रह चुके रंधीर सिंह को भी वर्ष 2024 में करारी हार का सामना करना पड़ा.
गौरतलब है कि देवघर पूरे राज्य के लिए धार्मिक स्थलों में से एक है. नई सरकार बनने के बाद देवघर स्थित बाबा मंदिर में कॉरिडोर बनने की चर्चा भी वर्ष 2024 में लोगों के लिए खास रहा.
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