रांची: झारखंड में इन दिनों धान की खरीद का मामला गरमाया हुआ है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आरोप लगाया है किसानों से धान खरीदने के बाद सरकार ने अब तक पैसा नहीं दिया है. नौबत ऐसी आ गई है कि लाचार किसान कर्ज में डूब रहे हैं. उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के गम्हरिया के सिंधुकोपा के किसान अरुण महतो का हवाला दिया.
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अर्जुन मुंडा ने किए एक के बाद एक तीन ट्वीट
अरुण ने 80 क्विंटल धान सरकार को बेचा था. धान के पैसे लेने के लिए लैम्पस के चक्कर काटते-काटते बीमार पड़ गया. नौबत ऐसी आ गई कि परिवार वालों को कर्ज लेकर इलाज करना पड़ा. किसी तरह टीएमएच में भर्ती कराया गया, लेकिन अरुण महतो चल बसे. इस मसले को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया है कि मुख्यमंत्री जी क्या हो रहा है. किसान अरुण महतो की मौत का जिम्मेदार कौन है.
सरकार को अन्नदाताओं के दर्द से कोई लेना-देना नहीं
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने हेमंत सरकार पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा किसानों के मसले को उठाती है, तो झारखंड की सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नेताओं पर केस दर्ज कराती है. सरकार को अन्नदाताओं के दर्द से कोई लेना-देना नहीं है.
271 करोड़ के भुगतान के लिए FCI पर बनाया गया दबाव
किसानों के पक्ष में भाजपा के आंदोलन के जवाब में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि धान खरीद के एवज में करीब 943 करोड़ रुपये किसानों को अदा किया जाना है. 578 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है. 102 करोड़ और जिलों को भेजे गए हैं. जल्द ही शेष राशि का भुगतान हो जाएगा. 271 करोड़ के भुगतान के लिए एफसीआई पर दबाव बनाया गया है.