नयी दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा आदि महोत्सव में पहुंचे. यहां उन्होंने महोत्सव में लगाए गए स्टाल का निरीक्षण किया. इस दौरान विभिन्न स्टाल पर प्रदर्शित उत्पादों की तारीफ की. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के आभूषणों और ओडिशा की पट्टाचित्र की खास तौर पर तारीफ की. उन्होंने कारीगरों से बातचीत भी की. मुंडा ने पूछा कि उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है? मुंडा ने कारीगरों को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया. आदिवासी व्यंजनों का जायका भी लिया.
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बता दें केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित ट्राइफेड ने आदि महोत्सव का आयोजन किया है. दिल्ली हाट में आदि महोत्सव चल रहा है. 15 फरवरी तक चलने वाले आदि महोत्सव में सुबह 11 बजे से रात के नौ बजे तक लोग जा सकते हैं. आदि महोत्सव का आयोजन 2017 से हो रहा है. यह वार्षिक कार्यक्रम है. आदि महोत्सव में जनजातीय समाज द्वारा बनाई गई कलाकृति, आभूषण, शिल्प, वस्तु इत्यादि का प्रदर्शन किया गया है.
200 स्टाल पर एक से बढ़कर एक वस्तुओं का प्रदर्शन
आदि महोत्सव में 200 स्टाल लगाए गए हैं. यहां आदिवासी व्यंजन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद समेत कई वस्तुएं बिक्री के लिए प्रदर्शित की गई हैं. इस महोत्सव में करीब 1 हजार कारीगर भाग ले रहे हैं. लोग भी इस महोत्सव को हाथों-हाथ ले रहे हैं. मेले में भीड़ लग रही है और रोजाना लोग यहां आकर खरीदारी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि आदि महोत्सव के आयोजन का मुख्य मकसद आदिवासी समुदाय के विविध शिल्प एवं संस्कृति से लोगों को एक ही स्थान पर रूबरू कराना है. आदिवासियों को अपना सामान बेचने के लिए बड़ा मंच उपलब्ध कराना और उनके उत्पाद अच्छी कीमत पर बिकें और उनका प्रचार हों, सामग्री का बाजार बढ़े यह भी महोत्सव के आयोजन का मकसद बताया जा रहा है.