पलामू: झारखंड के कुख्यात पांडेय गिरोह के दो अपराधियों को गोली मारकर हत्या कर दी गई है. जबकि दो अन्य लोग जख्मी हैं. दोनों घायलों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है. यह घटना पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव की है. दोनों अपराधियों की पहचान पांडेय गिरोह से दीपक साव, भारत पांडेय के रूप में हुई है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की.
कोयलांचल का बदला पलामू में
दरअसल, कोयलांचल में गैंगवार की आग पलामू तक पहुंची है. कोयलांचल का कुख्यात पांडेय गिरोह से अलग होने वाले भरत पांडेय और दीपक साव को पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में गोली मार दी. जबकि इस घटना में भरत पांडेय का चचेरा भाई अंशु सिंह और ममेरा भाई गंभीर रूप से जख्मी हो गया. दोनों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भर्ती करवाया गया है. घटनास्थल से पुलिस ने 25 से भी अधिक खोखा बरामद किया है. एसपी रीष्मा रमेशन ने घटनास्थल का जायजा लिया है. सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम मौके पर कैंप कर रही है.
ताला तोड़कर घर में घुसे थे अपराधी
पुलिस के अनुसार आधा दर्जन के करीब अपराधी घर का ताला तोड़कर घर में घुसे थे. इसके बाद भरत और दीपक को टारगेट कर अंधाधुंध फायरिंग करने लगा. फायरिंग की आवाज सुनकर अंशु सिंह और महावीर सिंह घर से बाहर निकले. अपराधियों ने अंशु सिंह के पैर में जबकि महावीर सिंह के हाथ में गोली मारी है. जख्मी महावीर सिंह ने बताया कि भरत के मौसे के घर जन्मदिन था, जिसमें सभी लोग शामिल होने आए थे. 31 दिसंबर से दोनों पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा में पनाह लिए हुए थे.
पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है, दोनों मृतक का अपराधी की इतिहास रहा है. दोनों पांडेय गिरोह से जुड़े हुए थे बाद में अलग गिरोह बनाया था, घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है - रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू
आधा दर्जन के करीब अपराधी घर में घुसे थे एवं फायरिंग की है. घटनास्थल से पुलिस ने खोखा बरामद किया है. इस पूरे मामले में छानबीन कर रही है- श्रीराम शर्मा, थाना प्रभारी, चैनपुर
आपराधिक हत्या की आशंका: एसपी
एसपी रीष्मा रमेशन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों रामगढ़ के पांडेय गिरोह से जुड़े हैं. दोनों अपराधी पांडेय गिरोह से अलग हुए थे और उस पर हमला भी किया था. आशंका जताई जा रही है कि आपराधिक हत्या हुई है. पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है. दोनों ने एक अलग से गिरोह खड़ा कर लिया था. दोनों पुलिस की मोस्ट वांटेड की सूची में भी शामिल था.
चाचा की हत्या के बाद भरत ने खड़ा किया था गिरोह
बता दें कि जनवरी 2021 में भरत पांडेय के चाचा अशोक पांडेय की हत्या रामगढ़ में हुई थी. हत्या का आरोप पांडेय गिरोह से जुड़े अमित बक्शी पर लगा था. बाद में भरत ने अमित बक्शी की हत्या कर दी थी. इस हत्या के बाद भरत ने एक अलग गिरोह खड़ा किया था. बाद में भरत की नजदीकी अमन साव और अमन श्रीवास्तव गिरोह से रही है. भरत में अमन साव गिरोह से जुड़े दीपक उर्फ ढुला को अपने गिरोह में शामिल किया था. दीपक ने रामगढ़ में एक होटल कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भरत पांडेय पर अकेले रामगढ में 10 अपराध के मामले दर्ज है. अमित बक्शी हत्याकांड के बाद भरत जेल भी गया था. जेल से ही वह अपना साम्राज्य चला रहा था. जुलाई 2024 में वह जेल से बाहर निकाला था. पुलिस के अनुसार दीपक और भरत पर रामगढ़ हजारीबाग रांची के इलाके में कई गंभीर अपराध के एफआईआर दर्ज है. दीपक कभी भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है.
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