रांचीः विवादित बयान मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद धनबाद निचली अदालत द्वारा मामले में लिए गए संज्ञान को गलत करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया है. अब मंत्री पर जो शिकायत वाद याचिका पर सुनवाई शुरू करनी थी, वह नहीं चलेगी. अदालत के इस फैसले से केंद्रीय मंत्री को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि धनबाद निचली अदालत द्वारा मंत्री के खिलाफ संज्ञान लिया गया है, वह गलत है. मजिस्ट्रेट ने पूर्व में शिकायत वाद याचिका को खारिज कर दिया था. लेकिन उसके बाद फिर रिवीजन कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की गयी. जिस पर रिविजनल कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को संज्ञान लेने का निर्देश दिया, वह गलत है. शिकायत वाद याचिका पर मजिस्ट्रियल कोर्ट को खुद निर्णय लेने का अधिकार है, उसे निर्देश दिया जाना गलत है. वहीं सरकार की ओर से प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए कहा गया कि यह सही है. उन्होंने जो बयान दिया है वह गलत है, इसलिए उनके ऊपर यह मामला बनता है, मामले की सुनवाई होनी चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत द्वारा लिए गए इस संज्ञान को निरस्त कर दिया है. ये पूरा मामला साल 2016 का है.
क्या है मामलाः धनबाद के एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मूंछ का बाल और राहुल गांधी को पूंछ का बाल कहा था. मंत्री के उसी बयान से आहत होकर धनबाद के मोहम्मद कलाम आजाद ने धनबाद की निचली अदालत में शिकायत वाद याचिका दायर की थी लेकिन उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. फिर उन्होंने निचली अदालत में ही रिवीजन याचिका दायर की, उसी याचिका पर अदालत ने संज्ञान लिया. निचली अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान को मंत्री की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी. जिसमें अदालत को बताया है कि मंत्री पर लगाए गए आरोप गलत हैं राजनीति से प्रेरित हैं इसलिए उन पर लगाए गए आरोप को निरस्त कर दिया जाए. उसी याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.