रांची: राज्य में चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों की सघन जांच के आदेश स्वास्थ्य मंत्री ने दिए हैं. इस पर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. महकमे ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को इसके लिए विशेष आदेश जारी किए हैं. वहीं, सभी 24 जिलों में जांच दल का गठन कर दिया गया है. उसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं. ये टीम जांच करेगी और पीसीपीएनडीटी एक्ट के सभी उपबंधों के अनुपालन का जायजा लेगी और 30 जून तक रिपोर्ट मुख्यालय को सौपेंगी. वहीं, एक अन्य आदेश में स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड के आधार पर वैक्सीन देने की बात कही है.
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1994 में संसद ने पास किया था PC-PNDT एक्ट
गर्भवावस्था के दौरान भ्रूण के लिंग परीक्षण को रोकने के लिए PC-PNDT एक्ट लागू किया गया था. जिला स्तर पर एक अनुश्रवण समिति यह निश्चित करती है कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों में इस एक्ट का पालन कराया जा रहा है या नहीं. वहीं, राज्य स्तर पर बनी कमिटी की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री करते हैं. अब स्वास्थ्य मंत्री ने जिले के अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट
भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए संसद ने PCPNDT एक्ट को पारित किया था. इस अधिनियम में भारत में प्रसव से पहले भ्रूण के लिंग परीक्षण को प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके तहत अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डॉक्टर, लैबकर्मी को तीन से पांच साल की सजा और 10 से 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
कोविड वैक्सीन पर स्वास्थ्य विभाग का अहम फैसला
कोविड पोर्टल पर पहले से मान्य 08 तरह के पहचानपत्र के अलावा अब नए बने राशन कार्ड भी मान्य होंगे. अब तक आधार कार्ड,वोटर कार्ड,पासपोर्ट,ड्राइविंग लाइसेंस,पैन कार्ड, NPR कार्ड,फोटो युक्त पेंशन कार्ड,दिव्यांग कार्ड मान्य था. इधर 45 प्लस आयु के लिए 81 हजार 520 डोज कोविशील्ड रांची आ गई है, जिसे सभी जिलों में जरूरत और उपलब्धता के हिसाब से बांट दिया गया है.