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यूजीसी ने जारी किया विश्वविद्यालयों के लिए विशेष गाइडलाइन, 2022 तक नैक मूल्यांकन जरूरी

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Published : Mar 26, 2021, 3:51 PM IST

यूजीसी की ओर से रांची विश्वविद्यालय समेत विभिन्न कॉलेजों को भी गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए गए हैं. इसे लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेजों में 10 शिक्षकों की कमेटी बनाने का निर्देश जारी किया गया है. आरयू को भी इससे संबंधित सूचना यूजीसी की ओर से मिली है.

ugc has issued special guidelined for universities
यूजीसी ने जारी किया विश्वविद्यालयों के लिए विशेष गाइडलाइन

रांचीः आरयू को यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय मॉनिटरिंग पोर्टल पर 31 मार्च तक कमेटी से संबंधित जानकारी अपलोड करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा प्रणाली का इस प्रकार से विकास किया जाना है. इसके तहत पांच कार्य क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः-आरयू अनुबंध कर्मचारियों को स्थायी करने के प्रयास तेज, कॉलेज प्रबंधनों को दिए गए निर्देश

यूजीसी की ओर से विशेष गाइडलाइन जारी

मूल्यांकन सुधार विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसर के वातावरण गुणवत्ता में वृद्धि करना, विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ उनके व्यवहार में शालीनता का पालन करना, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और किसी प्रकार के नशे से दूर रखने को लेकर भी विशेष रूप से कमेटी को नजर रखनी है.

2022 तक नैक मूल्यांकन जरूरी

विश्वविद्यालय और कॉलेजों में एक महीने का फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम चलेगा. इसका मुख्य उद्देश्य नवनियुक्त संकाय शिक्षक को पठन-पाठन सूचना और प्रो टेक्निकल एक्सपेरिमेंट से अवगत कराना है. क्वालिटी मैंडेट के तहत विश्वविद्यालय और कॉलेजों में बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति समय-समय पर करनी है. इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग को भी यूजीसी ने एक गाइडलाइन दिया है. बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पठन-पाठन में गुणवत्ता लाकर साल 2022 तक सभी शिक्षण संस्थानों को नैक से मान्यता भी लेना है. इसे लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेजों को तैयार रहने का निर्देश यूजीसी की ओर से दिया गया है.

रांचीः आरयू को यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय मॉनिटरिंग पोर्टल पर 31 मार्च तक कमेटी से संबंधित जानकारी अपलोड करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा प्रणाली का इस प्रकार से विकास किया जाना है. इसके तहत पांच कार्य क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं.

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यूजीसी की ओर से विशेष गाइडलाइन जारी

मूल्यांकन सुधार विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसर के वातावरण गुणवत्ता में वृद्धि करना, विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ उनके व्यवहार में शालीनता का पालन करना, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और किसी प्रकार के नशे से दूर रखने को लेकर भी विशेष रूप से कमेटी को नजर रखनी है.

2022 तक नैक मूल्यांकन जरूरी

विश्वविद्यालय और कॉलेजों में एक महीने का फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम चलेगा. इसका मुख्य उद्देश्य नवनियुक्त संकाय शिक्षक को पठन-पाठन सूचना और प्रो टेक्निकल एक्सपेरिमेंट से अवगत कराना है. क्वालिटी मैंडेट के तहत विश्वविद्यालय और कॉलेजों में बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति समय-समय पर करनी है. इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग को भी यूजीसी ने एक गाइडलाइन दिया है. बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पठन-पाठन में गुणवत्ता लाकर साल 2022 तक सभी शिक्षण संस्थानों को नैक से मान्यता भी लेना है. इसे लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेजों को तैयार रहने का निर्देश यूजीसी की ओर से दिया गया है.

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