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10वीं पास साइबर अपराधी उड़ा रहे पढ़े लिखे लोगों के खाते से रुपये, सीआईडी ने किया गिरफ्तार

झारखंड सीआईडी की साइबर टीम में देवघर से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दोनों साइबर अपराधियों ने रांची के एक व्यक्ति का मोबाइल हैक कर दो लाख रुपये खाते से गायब कर दिए थे.

Cyber criminal arrested
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Published : Oct 1, 2021, 4:53 PM IST

रांची: झारखंड में आठवीं और दसवीं पास साइबर अपराधी लोगों के खातों में सेंधमारी कर रहे हैं. सीआईडी की साइबर टीम ने देवघर से दो साइबर अपराधियों शमशाद नूरानी और कदम रसूल को गिरफ्तार किया है. हैरत की बात यह है कि दोनों मात्र दसवीं पास हैं. लेकिन इतने टेक्निकली एक्सपोर्ट हैं कि लोगों के मोबाइल को हैक कर उनके खातों से पैसे उड़ा लेते हैं.

ये भी पढ़ें- Cyber Crime: फेसबुक अकाउंट हैक कर ठगी कर रहे साइबर अपराध

सीआईडी के एसपी कार्तिक ने बताया कि साइबर थाना रांची में सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले सुशील उरांव ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, उनके खाते से साइबर अपराधियों ने एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करवा कर खातों की डिटेल ली और उनके खाते से दो लाख तीन हजार गायब कर दिए. मामला दर्ज होने के बाद सीआईडी की टीम जब जांच में जुटी तो नई जानकारी मिली कि पैसे की निकासी देवघर से की गई है. जिसके बाद सीआईडी की टीम ने टेक्निकल मदद से शमशाद नूरानी और कदम रसूल को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से एक दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड और कई बैंकों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. सीआईडी के अनुसार दोनों साइबर अपराधी बेहद शातिर हैं और अब तक दर्जनों लोगों को चूना लगा चुके हैं. बकायदा यह लोग खुद का कॉल सेंटर चलाते थे और उसी के माध्यम से लोगों से ठगी किया करते थे.

नए नए तरीके से उड़ा रहे पैसे

सीआईडी एसपी एस कार्तिक के अनुसार साइबर अपराधी लगातार नए-नए प्रयोग कर लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. साइबर अपराधियों ने इन दिनों 'एनी डेस्क' नामक एप को हथियार बना लिया है. यह एप मोबाइल में डालते ही संबंधित मोबाइल साइबर अपराधियों के कंट्रोल में हो जाता है. इसके बाद ई-वॉलेट, यूपीआइ ऐप सहित अन्य बैंक खातों से जुड़े सभी ऐप को आसानी से ऑपरेट कर साइबर अपराधी रुपये उड़ा लेते हैं.

'एनी डेस्क' ऐप को साइबर अपराधी मदद के नाम पर डाउनलोड करवाते हैं, इसके बाद पूरी मोबाइल पर कब्जा जमा लेते हैं. इसके लिए साइबर अपराधी तब लोगों को कॉल करते हैं, जब कोई बैंक से मदद के लिए गूगल पर टोल-फ्री नंबर ढूंढकर कॉल करते हैं. कॉल करने पर मदद के नाम पर झांसे में लेते हैं. राजधानी रांची सहित झारखंड के कई शहरों से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

रांची: झारखंड में आठवीं और दसवीं पास साइबर अपराधी लोगों के खातों में सेंधमारी कर रहे हैं. सीआईडी की साइबर टीम ने देवघर से दो साइबर अपराधियों शमशाद नूरानी और कदम रसूल को गिरफ्तार किया है. हैरत की बात यह है कि दोनों मात्र दसवीं पास हैं. लेकिन इतने टेक्निकली एक्सपोर्ट हैं कि लोगों के मोबाइल को हैक कर उनके खातों से पैसे उड़ा लेते हैं.

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सीआईडी के एसपी कार्तिक ने बताया कि साइबर थाना रांची में सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले सुशील उरांव ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, उनके खाते से साइबर अपराधियों ने एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करवा कर खातों की डिटेल ली और उनके खाते से दो लाख तीन हजार गायब कर दिए. मामला दर्ज होने के बाद सीआईडी की टीम जब जांच में जुटी तो नई जानकारी मिली कि पैसे की निकासी देवघर से की गई है. जिसके बाद सीआईडी की टीम ने टेक्निकल मदद से शमशाद नूरानी और कदम रसूल को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से एक दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड और कई बैंकों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. सीआईडी के अनुसार दोनों साइबर अपराधी बेहद शातिर हैं और अब तक दर्जनों लोगों को चूना लगा चुके हैं. बकायदा यह लोग खुद का कॉल सेंटर चलाते थे और उसी के माध्यम से लोगों से ठगी किया करते थे.

नए नए तरीके से उड़ा रहे पैसे

सीआईडी एसपी एस कार्तिक के अनुसार साइबर अपराधी लगातार नए-नए प्रयोग कर लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. साइबर अपराधियों ने इन दिनों 'एनी डेस्क' नामक एप को हथियार बना लिया है. यह एप मोबाइल में डालते ही संबंधित मोबाइल साइबर अपराधियों के कंट्रोल में हो जाता है. इसके बाद ई-वॉलेट, यूपीआइ ऐप सहित अन्य बैंक खातों से जुड़े सभी ऐप को आसानी से ऑपरेट कर साइबर अपराधी रुपये उड़ा लेते हैं.

'एनी डेस्क' ऐप को साइबर अपराधी मदद के नाम पर डाउनलोड करवाते हैं, इसके बाद पूरी मोबाइल पर कब्जा जमा लेते हैं. इसके लिए साइबर अपराधी तब लोगों को कॉल करते हैं, जब कोई बैंक से मदद के लिए गूगल पर टोल-फ्री नंबर ढूंढकर कॉल करते हैं. कॉल करने पर मदद के नाम पर झांसे में लेते हैं. राजधानी रांची सहित झारखंड के कई शहरों से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

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