ETV Bharat / state

झारखंड की सत्ता का मैथमेटिक्स: बीस साल झारखंड में भाजपा ने किया राज! इन दलीलों में कितना है दम, 23 वर्षों में किसके किसके सिर पर रहा ताज - रांची न्यूज

Who were the Chief Ministers of Jharkhand? पिछले कुछ महीनों से सीएम हेमंत सोरेन लगभग हर सभा में कहते हैं कि बीजेपी ने राज्य में 20 वर्षों तक राज किया है. राज्य की बदहाली का ठिकरा बीजेपी पर फोड़ते हैं, लेकिन क्या यही हकीकत है?

Who were Chief Ministers of Jharkhand
Who were Chief Ministers of Jharkhand
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 24, 2023, 6:03 AM IST

Updated : Dec 25, 2023, 2:43 PM IST

रांची: झारखंड में इन दिनों एक जुमला चल पड़ा है कि यहां 20 वर्षों तक भाजपा के हाथ में शासन रहा. भाजपा ने इस राज्य को हर मोर्चे पर पीछे धकेल दिया. डबल इंजन की सरकार सिर्फ लूट वाली सरकार थी. हाल के दिनों में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बात को मुखर होकर कहते रहे हैं. राज्य की बदहाली के लिए भाजपा को जिम्मेवार ठहराते हैं. अब सवाल है कि क्या वाकई 20 वर्षों तक भाजपा ने इस राज्य पर राज किया है. इसका जवाब जानना और समझना इसलिए जरुरी है क्योंकि यह राज्य चुनावी वर्ष में एंट्री से महज एक कदम दूर है.

23 वर्षों के शासनकाल का लेखा जोखा निकालने पर जो नतीजा सामने आया है उसके मुताबिक 23 दिसंबर 2023 तक भाजपा करीब 13 साल 2 माह तक सत्ता में रही. झामुमो के पास वर्तमान कार्यकाल को मिलाकर सत्ता की बागडोर करीब 6 साल से है. कांग्रेस के सहयोग से मधु कोड़ा ने 1 साल 11 माह तक शासन किया. जबकि राज्य में करीब 1 साल 9 माह तक राष्ट्रपति शासन रहा. गौर करने वाली बात है कि अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में 11 सितंबर 2010 को बनी सरकार में हेमंत सोरेन बतौर डिप्टी सीएम थे. इससे पहले झामुमो ने भाजपा के सहयोग से करीब 7 माह तक शासन किया था. चूकि तीन बार जब राष्ट्रपति शासन लगा तो केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी. लिहाजा.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

झारखंड के 23 वर्षों में 13 साल भाजपा और शेष 10 साल यूपीए के हाथ में ही सत्ता की बागडोर रही. जहां तक जेएमएम की बात है तो कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के साथ राज्य में तकरीबन 11 साल से अधिक तक सत्ता में रहा है. राज्य में पांच बार बीजेपी के नेता सीएम बने तो पांच बार जेएमएम के नेता ने भी सीएम पद की शपथ ली. इसलिए यह कहना कि इस राज्य पर सबसे लंबे समय तक भाजपा ने राज किया है, यह निराधार और तथ्यहीन है. इसको समझने के लिए आप नीचे दिए गये सभी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल और राष्ट्रपति शासन की अवधि की गणना खुद कर सकते हैं.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

बिहार से अलग होने पर भाजपा को मिली बागडोर: सभी जानते हैं कि देश के 28वें राज्य के रुप में झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था. सत्ता की बागडोर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को मिली थी. वह पहले मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 15 नवंबर 2000 से 18 मार्च 2003 तक यानी करीब 2 साल और 4 माह तक रहा. डेमिसाइल विवाद में कुर्सी गंवाने के बाद भाजपा के अर्जुन मुंडा को सीएम की जिम्मेवारी मिली. उन्होंने 18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005 तक यानी करीब 1 साल 11 महीना और 12 दिन तक शासन चलाया.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

पहले चुनाव में अस्थिरता का बीजारोपण: इसके बाद हुए पहले चुनाव में 30 सीटों पर जीत के साथ भाजपा सबसे पड़ी पार्टी बनकर सामने आई. इसके बावजूद महज 17 सीटे जीतने वाली झामुमो पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री बन बैठे. लेकिन 12 मार्च 2005 को बहुमत साबित नहीं करने पर कुर्सी छोड़नी पड़ी. पहले चुनाव के नतीजों झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी. शिबू सोरेन के हटने पर भाजपा के अर्जुन मुंडा दोबारा 12 मार्च 2005 को सीएम बने लेकिन 18 सितंबर 2006 को यानी 1 साल 6 माह में सरकार गिर गई. उनकी जगह कांग्रेस के समर्थन से पहली बार निर्दलीय के रुप में मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 को मुख्यमंत्री बने. लेकिन 28 अगस्त 2008 को 2 साल पूरा होने से 20 दिन पहले ही उनकी सरकार गिर गई. फिर उनकी जगह भाजपा के सहयोग से शिबू सोरेन 28 अगस्त 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. लेकिन 18 जनवरी 2009 को महज 4 माह 20 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा जो 19 जनवरी 2009 से 29 दिसंबर 2009 तक चला. लिहाजा फरवरी 2010 में दूसरी चुनाव कराने से करीब दो माह पहले की दूसरी बार दिसंबर 2009 में ही विधानसभा का चुनाव कराना पड़ा.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

द्वितीय चुनाव में भी नहीं मिली किसी को बहुमत: 23 दिसंबर 2009 को जब नतीजा आया तो भाजपा को 18, झामुमो को 18 और कांग्रेस को 14 सीटें मिली. जबकि बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम को 11, राजद को 5, आजसू को 5 और जदयू की 2 सीट पर जीत हुई. काफी खटर पटर के बाद भाजपा के सहयोग से 30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार झामुमो के शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने. लेकिन खटपट चलता रहा और 31 मई 2010 को सिर्फ पांच माह में उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में 1 जून 2010 से 10 सितंबर 2010 तक दोबारा राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. इस दौरान मान मनौवल चलता रहा है इसमें अर्जुन मुंडा सफल रहे. उन्होंने झामुमो के सहयोग से तीसरी बार सीएम की कुर्सी हासिल की और 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक सरकार चलाया. इसी बीच झामुमो ने समर्थन वापस ले लिया. सरकार गिर गई और तीसरी बार 18 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लग गया जो 13 जुलाई 2013 तक रहा.

साल 2013 से शुरु हुआ स्थिरता का दौर: इसी राष्ट्रपति शासन के बाद झारखंड की राजनीति बदल गई. झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस और राजद के सहयोग से सत्ता में एंट्री मारी. उन्होंने 13 जुलाई 2013 से 23 दिसंबर 2014 तक शासन चलाया. इसके बाद हुए चुनावी नतीजों ने झारखंड को राजनीतिक अस्थिरता से बाहर निकाल दिया. रघुवर दास 2014 से 2019 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले भाजपा के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने. लेकिन दिसंबर 2019 में चौथी बार हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. उन्होंने कांग्रेस और राजद के सहयोग से सरकार बनाई. वह दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-

हेमंत सरकार के लिए नए साल का पहला सप्ताह होगा चुनौती भरा! सीएम आवास, ईडी और पीएमएलए कोर्ट पर है सबकी नजर

हेमंत सरकार के 4 साल: करीब 7% विकास दर से बढ़ रहा है झारखंड, धीरे-धीरे बढ़ रही है प्रति व्यक्ति आय

हेमंत सरकार के 4 साल: सत्ता पक्ष ने कहा- उपलब्धियों भरा रहा कार्यकाल, विपक्ष ने बताया हर मोर्चे पर नाकाम

रांची: झारखंड में इन दिनों एक जुमला चल पड़ा है कि यहां 20 वर्षों तक भाजपा के हाथ में शासन रहा. भाजपा ने इस राज्य को हर मोर्चे पर पीछे धकेल दिया. डबल इंजन की सरकार सिर्फ लूट वाली सरकार थी. हाल के दिनों में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बात को मुखर होकर कहते रहे हैं. राज्य की बदहाली के लिए भाजपा को जिम्मेवार ठहराते हैं. अब सवाल है कि क्या वाकई 20 वर्षों तक भाजपा ने इस राज्य पर राज किया है. इसका जवाब जानना और समझना इसलिए जरुरी है क्योंकि यह राज्य चुनावी वर्ष में एंट्री से महज एक कदम दूर है.

23 वर्षों के शासनकाल का लेखा जोखा निकालने पर जो नतीजा सामने आया है उसके मुताबिक 23 दिसंबर 2023 तक भाजपा करीब 13 साल 2 माह तक सत्ता में रही. झामुमो के पास वर्तमान कार्यकाल को मिलाकर सत्ता की बागडोर करीब 6 साल से है. कांग्रेस के सहयोग से मधु कोड़ा ने 1 साल 11 माह तक शासन किया. जबकि राज्य में करीब 1 साल 9 माह तक राष्ट्रपति शासन रहा. गौर करने वाली बात है कि अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में 11 सितंबर 2010 को बनी सरकार में हेमंत सोरेन बतौर डिप्टी सीएम थे. इससे पहले झामुमो ने भाजपा के सहयोग से करीब 7 माह तक शासन किया था. चूकि तीन बार जब राष्ट्रपति शासन लगा तो केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी. लिहाजा.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

झारखंड के 23 वर्षों में 13 साल भाजपा और शेष 10 साल यूपीए के हाथ में ही सत्ता की बागडोर रही. जहां तक जेएमएम की बात है तो कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के साथ राज्य में तकरीबन 11 साल से अधिक तक सत्ता में रहा है. राज्य में पांच बार बीजेपी के नेता सीएम बने तो पांच बार जेएमएम के नेता ने भी सीएम पद की शपथ ली. इसलिए यह कहना कि इस राज्य पर सबसे लंबे समय तक भाजपा ने राज किया है, यह निराधार और तथ्यहीन है. इसको समझने के लिए आप नीचे दिए गये सभी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल और राष्ट्रपति शासन की अवधि की गणना खुद कर सकते हैं.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

बिहार से अलग होने पर भाजपा को मिली बागडोर: सभी जानते हैं कि देश के 28वें राज्य के रुप में झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था. सत्ता की बागडोर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को मिली थी. वह पहले मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 15 नवंबर 2000 से 18 मार्च 2003 तक यानी करीब 2 साल और 4 माह तक रहा. डेमिसाइल विवाद में कुर्सी गंवाने के बाद भाजपा के अर्जुन मुंडा को सीएम की जिम्मेवारी मिली. उन्होंने 18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005 तक यानी करीब 1 साल 11 महीना और 12 दिन तक शासन चलाया.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

पहले चुनाव में अस्थिरता का बीजारोपण: इसके बाद हुए पहले चुनाव में 30 सीटों पर जीत के साथ भाजपा सबसे पड़ी पार्टी बनकर सामने आई. इसके बावजूद महज 17 सीटे जीतने वाली झामुमो पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री बन बैठे. लेकिन 12 मार्च 2005 को बहुमत साबित नहीं करने पर कुर्सी छोड़नी पड़ी. पहले चुनाव के नतीजों झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी. शिबू सोरेन के हटने पर भाजपा के अर्जुन मुंडा दोबारा 12 मार्च 2005 को सीएम बने लेकिन 18 सितंबर 2006 को यानी 1 साल 6 माह में सरकार गिर गई. उनकी जगह कांग्रेस के समर्थन से पहली बार निर्दलीय के रुप में मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 को मुख्यमंत्री बने. लेकिन 28 अगस्त 2008 को 2 साल पूरा होने से 20 दिन पहले ही उनकी सरकार गिर गई. फिर उनकी जगह भाजपा के सहयोग से शिबू सोरेन 28 अगस्त 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. लेकिन 18 जनवरी 2009 को महज 4 माह 20 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा जो 19 जनवरी 2009 से 29 दिसंबर 2009 तक चला. लिहाजा फरवरी 2010 में दूसरी चुनाव कराने से करीब दो माह पहले की दूसरी बार दिसंबर 2009 में ही विधानसभा का चुनाव कराना पड़ा.

Who were Chief Ministers of Jharkhand
ETV BHARAT GFX

द्वितीय चुनाव में भी नहीं मिली किसी को बहुमत: 23 दिसंबर 2009 को जब नतीजा आया तो भाजपा को 18, झामुमो को 18 और कांग्रेस को 14 सीटें मिली. जबकि बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम को 11, राजद को 5, आजसू को 5 और जदयू की 2 सीट पर जीत हुई. काफी खटर पटर के बाद भाजपा के सहयोग से 30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार झामुमो के शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने. लेकिन खटपट चलता रहा और 31 मई 2010 को सिर्फ पांच माह में उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में 1 जून 2010 से 10 सितंबर 2010 तक दोबारा राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. इस दौरान मान मनौवल चलता रहा है इसमें अर्जुन मुंडा सफल रहे. उन्होंने झामुमो के सहयोग से तीसरी बार सीएम की कुर्सी हासिल की और 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक सरकार चलाया. इसी बीच झामुमो ने समर्थन वापस ले लिया. सरकार गिर गई और तीसरी बार 18 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लग गया जो 13 जुलाई 2013 तक रहा.

साल 2013 से शुरु हुआ स्थिरता का दौर: इसी राष्ट्रपति शासन के बाद झारखंड की राजनीति बदल गई. झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस और राजद के सहयोग से सत्ता में एंट्री मारी. उन्होंने 13 जुलाई 2013 से 23 दिसंबर 2014 तक शासन चलाया. इसके बाद हुए चुनावी नतीजों ने झारखंड को राजनीतिक अस्थिरता से बाहर निकाल दिया. रघुवर दास 2014 से 2019 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले भाजपा के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने. लेकिन दिसंबर 2019 में चौथी बार हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. उन्होंने कांग्रेस और राजद के सहयोग से सरकार बनाई. वह दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-

हेमंत सरकार के लिए नए साल का पहला सप्ताह होगा चुनौती भरा! सीएम आवास, ईडी और पीएमएलए कोर्ट पर है सबकी नजर

हेमंत सरकार के 4 साल: करीब 7% विकास दर से बढ़ रहा है झारखंड, धीरे-धीरे बढ़ रही है प्रति व्यक्ति आय

हेमंत सरकार के 4 साल: सत्ता पक्ष ने कहा- उपलब्धियों भरा रहा कार्यकाल, विपक्ष ने बताया हर मोर्चे पर नाकाम

Last Updated : Dec 25, 2023, 2:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.