रांचीः आदिवासियों की बरसों पुरानी धार्मिक पहचान की मांग पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है. सीएम ने आदिवासी समाज को आश्वासन देते हुए धर्मकोड को लेकर 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है, जिसको लेकर आदिवासी समाज में खुशी की अलग लहर देखने को मिल रही है. आदिवासी समाज के लोग अपनी बरसों पुरानी पहचान की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं.
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11 नवंबर को विशेष सत्र
वहीं, धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग बरसों से अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं. झारखंड सरकार ने उसे पहचान देने का ऐलान किया है. 11 नवंबर को सीएम हेमंत सोरेन विशेष सत्र बुलाकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को पहले यह नहीं समझ में आता था कि 2021 से होने वाले जनगणना प्रपत्र में वह किस धर्म को लिखेंगे, लेकिन जैसे ही सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास हो जाएगा.
आदिवासी अपनी पहचान को जनगणना प्रपत्र में लिख सकेंगे. राज्य सरकार ने खुले मंच से सरना धर्म कोड की मांग को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजने का आवाहन किया है, जिसको लेकर 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया जा रहा है.