रांची: मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक के ऊपर बीजेपी नेता के द्वारा पेशाब करने का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश सरकार जहां इस पर कार्रवाई कर रही है. वहीं विरोधी पार्टियां और आदिवासी संगठन सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. इस वजह से वे मध्य प्रदेश सरकार और बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर राजधानी रांची में भी आदिवासी संगठनों ने आगामी 8 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के घेराव का आवाहन किया है.
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केंद्रीय सरना समिति के प्रदेश अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि जिस प्रकार से मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला ने कुकर्म किया है. वह कहीं से भी क्षमा योग्य नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रवेश शुक्ला के द्वारा किए गए कुकर्म के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से जो कार्रवाई की गई है, वह दिखावा है. प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोजर चलवा कर सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है, ताकि भोले-भाले आदिवासियों को ठग कर उनका वोट लिया जा सके.
झारखंड आदिवासी संगठन की ओर से यह मांग की गई है कि जिस प्रकार का कुकर्म प्रवेश शुक्ला ने किया है, उसके खिलाफ उसे फांसी पर लटकाया जाए. तभी आदिवासी समाज को न्याय मिल पाएगा.
'आए दिन आदिवासियों के साथ होता है अत्याचार': सीधी जिले में हुई घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे आदिवासी समुदाय के अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और नेताओं ने कहा कि आदिवासियों के साथ अन्याय सिर्फ सीधी जिले में ही नहीं हो रहा, बल्कि अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में भी ऐसी अन्य घटनाएं भी आए दिन देखने को मिलती है. प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़, मणिपुर, झारखंड, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में महिला आदिवासियों के साथ दुष्कर्म की घटना देखने को मिलती है. वहीं छोटे बच्चों से बाल श्रम कराया जाता है. लेकिन केंद्र में बैठी सरकार आदिवासियों के हित को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे आदिवासियों की महिलाओं और बच्चों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके.
मालूम हो कि पिछले दिनों कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला के द्वारा एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का मामला सामने आया है, जिसे लेकर पूरे देश में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है.