रांची: केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी सेंगेल अभियान के संयुक्त तत्वाधान में केंद्र सरकार से सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर रेल-रोड चक्का जाम किया गया, लेकिन इसका असर राजधानी में कोई खास देखने को नहीं मिला. सरना कोड मांग को लेकर लोगों ने सिल्ली के किता रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया.
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि वर्षों से आदिवासी समाज अपनी संस्कृति और परंपरा बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हर हाल में आदिवासी 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करवाना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है, 2021 का जनगणना मार्च-अप्रैल से होने वाला है, आदिवासी अब केंद्र सरकार की मंशा समझ चुकी है, बिना आंदोलन के सरना कोड मिलने वाला नहीं है.
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किसान आंदोलन से भी होगा बड़ा आंदोलन
केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी सेंगेल अभियान ने पांच राज्यों में झारखंड, बिहार, बंगाल, असम और ओडिशा में रेल-रोड चक्का जाम का आवाहन किया था. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द सरना कोड लागू नहीं करती है तो आदिवासी समाज किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन करेगा.
हजारीबाग में भी विरोध प्रदर्शन
हजारीबाग में भी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने रेलवे स्टेशन विरोध प्रदर्शन किया. सरना समिति के युवा अध्यक्ष मनोज टूडू ने कहा कि अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है, तो जिस तरह से हमने सरकार बनाने का काम किया है, उसी तरह अपनी वोट की ताकत से सरकार गिराने का भी काम करेंगे.