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रांची: राम मंदिर निर्माण के लिए सरना स्थल से ली गई मिट्टी, आदिवासी संगठनों ने किया विरोध - Soil taken from Sarna sthal for construction of Ram temple

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाना है. 5 अगस्त को पीएम मोदी मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करेंगे. इसके लिए देश के कई जगहों से शुद्ध मिट्टी मंगवाई जा रही है. झारखंड के सरना स्थल से भी पवित्र मिट्टी ले जाई जा रही है, जिसका आदिवासी संगठनों ने विरोध किया है. संगठनों का कहना है कि यहां कि मिट्टी लेकर राजनीति की जा रही है.

Tribal organizations protest against lifting of soil from Sarna sthal in ranchi
महापंचायत का आयोजन
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Published : Jul 30, 2020, 12:37 AM IST

रांची: अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए सरना स्थल से पवित्र मिट्टी उठाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. सरना स्थल से मिट्टी अयोध्या भेजे जाने को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया गया है, जिसका विरोध करेंगे. संगठनों का कहना है कि यहां कि मिट्टी लेकर राजनीति की जा रही है.

देखें पूरी खबर
आदिवासी संगठनों के लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अनुषंगी संस्था विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने यहां की मिट्टी लेकर आदिवासी संस्कृति, धार्मिक आस्था और परंपरा के खिलाफ काम किया है. उन्होंने पूर्व विधायक रामकुमार पाहन और पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, मेयर आशा लकड़ा, मेघा उराव, आरती कुजूर और विश्व हिंदू परिषद के केशव राजू के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है. पंचायत की अध्यक्षता कर रहे डॉ. करमा उरांव ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए साल 2021 को फरवरी महीने में राष्ट्रीय आदि संस्कृति और धर्म सम्मेलन आयोजित करेंगे.इसे भी पढ़ें:- JMM का दावा: भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, सीएम के ओएसडी पर की गई कार्रवाई इसका उदाहरणमंदिर नहीं राजनीति का विरोध

वहीं बैठक में मौजूद प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि सरना स्थल से बिना पूछे जिस तरीके से पवित्र मिट्टी उठाई गई है, इसको लेकर कानूनी कार्रवाई तो की ही जाएगी, उसके अलावा सभी सरना स्थलों में शुद्धीकरण का भी कार्य किया जाएगा. वहीं केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि भव्य राम मंदिर बनाने का कोई भी आदिवासी संगठन विरोध नहीं कर रहा है, विरोध इसलिए किया जा रहा है कि पवित्र मिट्टी उठाकर उस पर राजनीति की जा रही है, जितना भव्य मंदिर बनेगा उतना अच्छा है, हम स्वागत करते हैं.

रांची: अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए सरना स्थल से पवित्र मिट्टी उठाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. सरना स्थल से मिट्टी अयोध्या भेजे जाने को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया गया है, जिसका विरोध करेंगे. संगठनों का कहना है कि यहां कि मिट्टी लेकर राजनीति की जा रही है.

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आदिवासी संगठनों के लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अनुषंगी संस्था विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने यहां की मिट्टी लेकर आदिवासी संस्कृति, धार्मिक आस्था और परंपरा के खिलाफ काम किया है. उन्होंने पूर्व विधायक रामकुमार पाहन और पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, मेयर आशा लकड़ा, मेघा उराव, आरती कुजूर और विश्व हिंदू परिषद के केशव राजू के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है. पंचायत की अध्यक्षता कर रहे डॉ. करमा उरांव ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए साल 2021 को फरवरी महीने में राष्ट्रीय आदि संस्कृति और धर्म सम्मेलन आयोजित करेंगे.इसे भी पढ़ें:- JMM का दावा: भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, सीएम के ओएसडी पर की गई कार्रवाई इसका उदाहरणमंदिर नहीं राजनीति का विरोध

वहीं बैठक में मौजूद प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि सरना स्थल से बिना पूछे जिस तरीके से पवित्र मिट्टी उठाई गई है, इसको लेकर कानूनी कार्रवाई तो की ही जाएगी, उसके अलावा सभी सरना स्थलों में शुद्धीकरण का भी कार्य किया जाएगा. वहीं केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि भव्य राम मंदिर बनाने का कोई भी आदिवासी संगठन विरोध नहीं कर रहा है, विरोध इसलिए किया जा रहा है कि पवित्र मिट्टी उठाकर उस पर राजनीति की जा रही है, जितना भव्य मंदिर बनेगा उतना अच्छा है, हम स्वागत करते हैं.

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