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रांची के मास्टर प्लान 2037 से आदिवासी समाज नाराज, नगर निगम पर लगाए ये आरोप

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 11, 2023, 9:15 AM IST

Updated : Oct 11, 2023, 9:53 AM IST

राजधानी की खूबसूरती और विस्तार को लेकर रांची मास्टर प्लान 2037 तैयार किया गया है. इसे लेकर लगभग दो लाख एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया है. आदवासी समाज इस मास्टर प्लान से खुश नहीं है. जानिए वजह. Ranchi Master Plan 2037

Ranchi Adivasi Protest against Capital Master Plan
रांची के मास्टर प्लान से नाराज आदिवासी
रांची के मास्टर प्लान 2037 से आदिवासी समाज नाराज

रांची: राजधानी में मास्टर प्लान 2037 को लेकर मंगलवार (10 अक्टूबर) को आदिवासी समाज के लोगों ने नगर निगम का घेराव किया. घेराव करने वाले लोगों का आरोप है कि रांची को विकासित करने के लिए राज्य सरकार ने करीब 2 लाख एकड़ जमीन चिन्हित की है. इसकी जानकारी जमीन लेने से पहले नहीं दी गई है.

ये भी पढ़ें: रांची के 300 परिवारों को सरकार के मास्टर प्लान 2037 का क्यों सता रहा हैं डर? जानें वजह

आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने क्या कहा: प्रदर्शन में पहुंचे आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने बताया कि रांची मास्टर प्लान के तहत 154 गांव ऐसे हैं जो पेसा एक्ट और पांचवीं अनुसूची अधिनियम, ग्रामसभा के अंतर्गत आते हैं. प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि ऐसे में जमीन अधिग्रहण करने से पहले सरकार को कई तरह की नियमावली का पालन करना होता है. ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी, सांसद सहित कई तरह के उच्च संस्थाओं एवं उच्च पद पर बैठे अधिकारियों से अनुमति ली जाती है. उसके बाद ग्रामसभा को जानकारी देकर उनकी अनुमति ली जाती है.

पूर्व मुखिया सुशांति ने क्या कहा: लाल खटंगा की पूर्व मुखिया सुशांति देवी बताती हैं कि जमीन अधिग्रहण क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची जैसी नियमावली लागू हैं. उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को बिना बताए ग्रेटर रांची मास्टर प्लान बनाया जा रहा है. जिससे 154 गांवों के लोग नाराज हैं.

घेराव करने पहुंचे लोगों ने क्या कहा: घेराव करने पहुंचे लोगों ने कहा कि मास्टर प्लान के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. जिसकी सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है. लोगों ने कहा कि यदि ग्रेटर रांची मास्टर प्लान को सरकार बनाना ही चाहती है तो पहले ग्रामसभा की अनुमति लें और उनकी अनुमति के बाद ही स्थानीय लोग सरकार के इस मास्टर प्लान को सफल बनाने में सहयोग करेंगे.

निगम के उप प्रशासक ने क्या कहा: लोगों की परेशानी को सुनने के बाद नगर निगम के उप प्रशासक कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि लोगों की शिकायत लिखित तौर पर ली गई है. लोगों की नाराजगी की लिखित शिकायत को कंपाइल कर नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा. वहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगे निर्णय लिया जा सकता है.

रांची के मास्टर प्लान 2037 से आदिवासी समाज नाराज

रांची: राजधानी में मास्टर प्लान 2037 को लेकर मंगलवार (10 अक्टूबर) को आदिवासी समाज के लोगों ने नगर निगम का घेराव किया. घेराव करने वाले लोगों का आरोप है कि रांची को विकासित करने के लिए राज्य सरकार ने करीब 2 लाख एकड़ जमीन चिन्हित की है. इसकी जानकारी जमीन लेने से पहले नहीं दी गई है.

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आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने क्या कहा: प्रदर्शन में पहुंचे आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने बताया कि रांची मास्टर प्लान के तहत 154 गांव ऐसे हैं जो पेसा एक्ट और पांचवीं अनुसूची अधिनियम, ग्रामसभा के अंतर्गत आते हैं. प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि ऐसे में जमीन अधिग्रहण करने से पहले सरकार को कई तरह की नियमावली का पालन करना होता है. ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी, सांसद सहित कई तरह के उच्च संस्थाओं एवं उच्च पद पर बैठे अधिकारियों से अनुमति ली जाती है. उसके बाद ग्रामसभा को जानकारी देकर उनकी अनुमति ली जाती है.

पूर्व मुखिया सुशांति ने क्या कहा: लाल खटंगा की पूर्व मुखिया सुशांति देवी बताती हैं कि जमीन अधिग्रहण क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची जैसी नियमावली लागू हैं. उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को बिना बताए ग्रेटर रांची मास्टर प्लान बनाया जा रहा है. जिससे 154 गांवों के लोग नाराज हैं.

घेराव करने पहुंचे लोगों ने क्या कहा: घेराव करने पहुंचे लोगों ने कहा कि मास्टर प्लान के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. जिसकी सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है. लोगों ने कहा कि यदि ग्रेटर रांची मास्टर प्लान को सरकार बनाना ही चाहती है तो पहले ग्रामसभा की अनुमति लें और उनकी अनुमति के बाद ही स्थानीय लोग सरकार के इस मास्टर प्लान को सफल बनाने में सहयोग करेंगे.

निगम के उप प्रशासक ने क्या कहा: लोगों की परेशानी को सुनने के बाद नगर निगम के उप प्रशासक कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि लोगों की शिकायत लिखित तौर पर ली गई है. लोगों की नाराजगी की लिखित शिकायत को कंपाइल कर नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा. वहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगे निर्णय लिया जा सकता है.

Last Updated : Oct 11, 2023, 9:53 AM IST
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