रांची: अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के मौके पर झारखंड सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा तीन दिवसीय ऑल इंडिया स्प्रिंग आर्ट कैंप का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में आए लोगों से वन विभाग के अधिकारियों ने अगले 6 महीने में 5 पेड़ लगाने की अपील की. कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति अगले 6 महीने में पांच पेड़ लगाएं और उन्हें अपने पूर्वजों को समर्पित करें ताकि उनकी संवेदना उन पेड़ों से जुड़ी रहे और उनकी देखभाल अच्छी तरीके से की जा सके.
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जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या: प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड वन संपन्न प्रदेश है लेकिन इस राज्य में कई चुनौतियां भी हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य के परिपेक्ष में बात करें तो यहां पर जलवायु परिवर्तन एक चिंता का विषय है. इसके आलावा भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी झारखंड सबसे नीचे पायदान पर है. उन्होंने बताया कि झारखंड की एक बड़ी आबादी पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है. लगभग 95% खाने के सामान से लेकर 75% दवाई बनाने के उत्पाद जंगलों से ही आते हैं. इसीलिए राज्य वासियों को अपने क्षेत्र के जंगलों एवं वनों के संरक्षण के साथ विकास पर ध्यान देना होगा. राजवासी हो या वन विभाग के कर्मचारी सभी को आपस में सहयोग करते हुए वनों को बचाने बढ़ाने और उनके विकास को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी समझते हुए कार्य करने की आवश्यकता है.
वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नगर वन होगा विकसित: प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि झारखंड के शहरों में नगर वन की योजना पर काम किया जा रहा है. राज्य में करीब 36 जगहों पर नगर वन विकसित किया जाएगा. नगर वन के अंतर्गत दो से चार हेक्टेयर जमीन पर जंगल का स्वरूप आकार लेगा, साथ ही राज्य के सभी नदियों के किनारे लगभग 134 किलोमीटर की लंबाई में पेड़ लगाए जाएंगे.
कलाकारों और आर्टिस्ट भी कला के माध्यम से वन संरक्षण की दे जानकारी: अपर मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने में जंगल का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसीलिए वन विभाग लगातार इस ओर प्रयासरत है कि ज्यादा से ज्यादा झारखंड में वन क्षेत्र को बढ़ाया जाए. वहीं, कलाकारों एवं सभी आर्टिस्ट से भी अपील की गई कि अपने कला के माध्यम से भी वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें.
जंगलों को बचाने के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को किया गया सम्मानित: कार्यक्रम के पहले दिन झारखंड के विभिन्न जिलों से पहुंचे वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. वहीं, कार्यक्रम में आए सुरक्षा समिति के सदस्यों एवं विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों और वन संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे लोगों ने अपने-अपने अनुभव भी साझा किए.