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सदन में विरोध के बीच एक विधेयक और दो संशोधन विधेयकों को मिली मंजूरी, विधायक प्रदीप यादव ने सरकार के कामकाज पर उठाए सवाल - झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक

झारखंड विधानसभा में हंगामे के बीच एक विधेयक और दो संशोधन विधेयकों को मंजूरी मिली है. बजट सत्र के दौरान झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021 को ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री चंपाई सोरेन के ओर से रखा गया. इन विधेयकों के पेश होने के बाद सदन में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों की आलोचना से सरकार घिरती हुई दिखी.

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झारखंड विधानसभा
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Published : Mar 22, 2021, 7:25 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 9:36 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को एक विधेयक और दो संशोधन विधेयकों को मंजूरी मिली है. सरकार के द्वारा सदन के पटल पर झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2021, झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021 और सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिबंध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) (झारखंड संशोधन) विधेयक 2021 को रखा गया, जिसपर चर्चा हुई और विरोध के बाद बहुमत से मंजूरी प्रदान कर दी गई.

विधायकों की प्रतिक्रिया

इसे भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र, कृषि बिल और महंगाई पर चर्चा, भाजपा विधायकों का हंगामा

विधानसभा बजट सत्र के दौरान झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021 को ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री चंपाई सोरेन के ओर से रखा गया. इन विधेयकों के पेश होने के बाद सदन में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों की आलोचना से सरकार घिरती हुई दिखी. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि राज्यपाल के सिफारिश लेने के बाद ही सदन के पटल पर इस विधेयक को लाना चाहिए था, जो कहीं न कहीं सरकार से चूक हुई है.

रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधेयक पर जताई आपत्ति

वहीं सरयू राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिना राज्यपाल के सिफारिश के कैसे विधेयक पेश हो सकता है. रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधेयक के कई बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए सदन से इसे प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा. हंगामे के बीच हालांकि इस विधेयक को बहुमत से स्वीकृत कराने में सरकार सफल हो गई है, लेकिन विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने जिस तरह से सवाल खड़े किए हैं, वह कहीं ना कहीं सरकार को आईना दिखाने का काम किया है.

इसे भी पढ़ें: सदन के बाहर अपने ही शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठे लोबिन हेंब्रम, जानिए क्या है पूरा मामला?

क्या है झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021
इससे पहले 25 फरवरी को ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए कैबिनेट ने झारखंड हरित ऊर्जा उप-कर विधेयक 2021 की मंजूरी दी थी, जिसके तहत बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों पर 15 पैसा प्रति यूनिट सेस लगेगा.

रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को एक विधेयक और दो संशोधन विधेयकों को मंजूरी मिली है. सरकार के द्वारा सदन के पटल पर झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2021, झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021 और सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिबंध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) (झारखंड संशोधन) विधेयक 2021 को रखा गया, जिसपर चर्चा हुई और विरोध के बाद बहुमत से मंजूरी प्रदान कर दी गई.

विधायकों की प्रतिक्रिया

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विधानसभा बजट सत्र के दौरान झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021 को ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री चंपाई सोरेन के ओर से रखा गया. इन विधेयकों के पेश होने के बाद सदन में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों की आलोचना से सरकार घिरती हुई दिखी. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि राज्यपाल के सिफारिश लेने के बाद ही सदन के पटल पर इस विधेयक को लाना चाहिए था, जो कहीं न कहीं सरकार से चूक हुई है.

रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधेयक पर जताई आपत्ति

वहीं सरयू राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिना राज्यपाल के सिफारिश के कैसे विधेयक पेश हो सकता है. रामचंद्र चंद्रवंशी ने विधेयक के कई बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए सदन से इसे प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा. हंगामे के बीच हालांकि इस विधेयक को बहुमत से स्वीकृत कराने में सरकार सफल हो गई है, लेकिन विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने जिस तरह से सवाल खड़े किए हैं, वह कहीं ना कहीं सरकार को आईना दिखाने का काम किया है.

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क्या है झारखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक 2021
इससे पहले 25 फरवरी को ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए कैबिनेट ने झारखंड हरित ऊर्जा उप-कर विधेयक 2021 की मंजूरी दी थी, जिसके तहत बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों पर 15 पैसा प्रति यूनिट सेस लगेगा.

Last Updated : Mar 22, 2021, 9:36 PM IST
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