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तीसरे मोर्चे की गठन की सुगबुगाहट तेज, बाबूलाल मरांडी कर सकते हैं नेतृत्व

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड में तीसरे मोर्चे की गठन का सुगबुगाहट तेज हो गई है. महागठबंधन से नाराज चल रहे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी आप और तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. इसकी जानकारी मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव दयानंद प्रसाद सिंह ने दी.

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Published : Nov 5, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 2:55 PM IST

रांची: झारखंड में तीसरे मोर्चे की गठन अबतक नहीं हुआ है, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसकी सुगबुगाहट दिखने लगी है. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने सोमवार को इसके संकेत दिए हैं और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में तीसरे मोर्चे की गठन की बात कही है, लेकिन जेवीएम नेता इसपर संशय बनाए हुए हैं.

देखें पूरी खबर

झारखंड में एनडीए और महागठबंधन से अलग तीसरे मोर्चे की गठन का कवायद शुरू हो गई है. इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव दयानंद प्रसाद सिंह ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि महागठबंधन से नाराज चल रहे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात की है. इधर, झारखंड में तृणमूल कांग्रेस की कमान संभाले कामेश्वर बैठा आगामी चुनाव को लेकर काफी व्यस्त लग रहे हैं और जोड़ा-फूल खिलाने को लेकर जनता के बीच मेहनत कर रहे हैं. इस दौरान दयानंद ने बताया कि जेवीएम, जेडीयू, आप और तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच लगातार विचार-विमर्श चल रहा है.

वहीं, तीसरे मोर्चे की महत्वपूर्ण सहयोगी माने जाने वाली आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं से जेवीएम सुप्रीमो मिल भी चुके हैं. कुछ दिन पहले ही बाबूलाल मरांडी ने जेवीएम के पुराने सदस्य और आप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार से मुलाकात की थी. इससे यह कयास लगाया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में इस बार तीसरे मोर्चे की गठन संभव है और बाबूलाल के नेतृत्व में चुनावी मैदान में होगी. इसपर जानकारी देते आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि आम आदमी पार्टी भी यह मानती है बाबूलाल एक साफ और अच्छी छवि के नेता है और तीसरे मोर्चे के नेतृत्व के लिए अच्छा विकल्प भी हैं.

ये भी पढ़ें:- विधानसभा चुनाव 2019: RJD 14 सीट पर लड़ सकती है चुनाव! दिल्ली में महागठबंधन की बैठक के बाद साफ होगी तस्वीर

तीसरे मोर्चे से जेवीएम ने किया इनकार

वहीं, तीसरे मोर्चे की गठन को लेकर जेवीएम के प्रवक्ता सरोज कुमार का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी महागठबंधन से दूर जरूर हैं लेकिन, तीसरे मोर्चे की गठन से जेवीएम का कोई लेना देना नहीं है. वहीं, बाबूलाल के ममता बनर्जी से मुलाकात को औपचारिक मात्र बताया है. उन्होंने इस संबंध में कहा कि अगर ऐसी कोई भी बात होगी तो बाबूलाल खुद मीडिया को बताएंगे. मगर इस चुनावी महौल में बड़े नेताओं की औपचारिक मुलाकात से भी सियासी महौल गरम हो जाती है.

ये भी पढ़ें:- चंद्र प्रकाश चौधरी की पत्नी होंगी रामगढ़ विधानसभा सीट से आजसू उम्मीदवार, पंचायत सम्मेलन कर फूंका चुनावी बिगुल

बहरहाल, बाबूलाल ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने बीजेपी, कांग्रेस और जेएमएम का साथ देखा है. बाबूलाल मरांडी ने भी इस बार यह संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव अकेले भी लड़ सकती है. मगर चुनावी महासमर में कुछ भी मुमकिन है. अब आने वाला समय ही बताएगा कि बाबूलाल महागठबंधन में शामिल होते हैं या तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करते हैं या अपने ही दम पर अकेले चुनाव लड़ते हैं.

रांची: झारखंड में तीसरे मोर्चे की गठन अबतक नहीं हुआ है, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसकी सुगबुगाहट दिखने लगी है. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने सोमवार को इसके संकेत दिए हैं और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में तीसरे मोर्चे की गठन की बात कही है, लेकिन जेवीएम नेता इसपर संशय बनाए हुए हैं.

देखें पूरी खबर

झारखंड में एनडीए और महागठबंधन से अलग तीसरे मोर्चे की गठन का कवायद शुरू हो गई है. इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव दयानंद प्रसाद सिंह ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि महागठबंधन से नाराज चल रहे जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात की है. इधर, झारखंड में तृणमूल कांग्रेस की कमान संभाले कामेश्वर बैठा आगामी चुनाव को लेकर काफी व्यस्त लग रहे हैं और जोड़ा-फूल खिलाने को लेकर जनता के बीच मेहनत कर रहे हैं. इस दौरान दयानंद ने बताया कि जेवीएम, जेडीयू, आप और तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच लगातार विचार-विमर्श चल रहा है.

वहीं, तीसरे मोर्चे की महत्वपूर्ण सहयोगी माने जाने वाली आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं से जेवीएम सुप्रीमो मिल भी चुके हैं. कुछ दिन पहले ही बाबूलाल मरांडी ने जेवीएम के पुराने सदस्य और आप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार से मुलाकात की थी. इससे यह कयास लगाया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में इस बार तीसरे मोर्चे की गठन संभव है और बाबूलाल के नेतृत्व में चुनावी मैदान में होगी. इसपर जानकारी देते आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि आम आदमी पार्टी भी यह मानती है बाबूलाल एक साफ और अच्छी छवि के नेता है और तीसरे मोर्चे के नेतृत्व के लिए अच्छा विकल्प भी हैं.

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तीसरे मोर्चे से जेवीएम ने किया इनकार

वहीं, तीसरे मोर्चे की गठन को लेकर जेवीएम के प्रवक्ता सरोज कुमार का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी महागठबंधन से दूर जरूर हैं लेकिन, तीसरे मोर्चे की गठन से जेवीएम का कोई लेना देना नहीं है. वहीं, बाबूलाल के ममता बनर्जी से मुलाकात को औपचारिक मात्र बताया है. उन्होंने इस संबंध में कहा कि अगर ऐसी कोई भी बात होगी तो बाबूलाल खुद मीडिया को बताएंगे. मगर इस चुनावी महौल में बड़े नेताओं की औपचारिक मुलाकात से भी सियासी महौल गरम हो जाती है.

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बहरहाल, बाबूलाल ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने बीजेपी, कांग्रेस और जेएमएम का साथ देखा है. बाबूलाल मरांडी ने भी इस बार यह संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव अकेले भी लड़ सकती है. मगर चुनावी महासमर में कुछ भी मुमकिन है. अब आने वाला समय ही बताएगा कि बाबूलाल महागठबंधन में शामिल होते हैं या तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करते हैं या अपने ही दम पर अकेले चुनाव लड़ते हैं.

Intro:रांची।

झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरा मोर्चा बनने की सुगबुगाहट दिख रही है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसके संकेत दिए हैं .इशारा तो बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में तीसरा मोर्चा गठन की मिल रही है. लेकिन जेबीएम अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं .इस मोर्चे में आपको भी शामिल करने की कवायद है .आप और जेबीएम के शीर्ष नेतृत्व के कई नेता दीदी के संपर्क में होने की सूचना अभी है.


Body:महागठबंधन से नाराज जेबीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बीते दिनों कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की है. झारखंड में तृणमूल कांग्रेस की कमान संभाले कामेश्वर बैठा आगामी चुनाव में जोड़ा फूल खिलाने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के झारखंड सचिव दयानंद ने कहा कि जेबीएम ,जेडीयू ,आप और तृणमूल कांग्रेस के बीच लगातार विचार-विमर्श आलाकमान के नेताओं के बीच चल रही है और संभव है कि गठबंधन हो जाए. क्योंकि बाबूलाल , दीदी के संपर्क में है और कोलकाता भी गए थे. बाबू लाल के नेतृत्व में तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना बन सकती है.

बाइट- दयानंद प्रसाद सिंह ,राज्य सचिव, तृणमूल कांग्रेस


इधर तीसरे मोर्चे की महत्वपूर्ण राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं से भी पूर्व में जेबीएम सुप्रीमो बाबूलाल से मुलाकातों की दौर हो चुकी है .पूर्व में जेबीएम के पुराने सदस्य रहे डॉ अजय के आप में शामिल होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि बाबूलाल के तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी के भी शामिल होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी भी मानती है बाबूलाल एक अच्छी छवि के नेता है और सबसे अच्छा विकल्प भी है.

बाइट- राजेश कुमार प्रदेश मीडिया प्रभारी ,आम आदमी पार्टी

बाहर हाल इतना तो जरूर है कि बाबूलाल इन दिनों महागठबंधन से दूर अन्य कई क्षेत्रीय पार्टियों के संपर्क में है इन सभी कवायदों के बीच जेबीएम के प्रवक्ता सरोज कुमार ने बाबूलाल -ममता बनर्जी की मुलाकात को एक औपचारिक मात्र बताया है .मगर चुनाव के इस मौसम में बड़े नेताओं की औपचारिक मुलाकात सियासी मामले में काफी अहम मानी जाती है.


बाइट- सरोज कुमार, प्रवक्ता, झारखंड विकास मोर्चा.


Conclusion:बहरहाल बाबूलाल ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने भाजपा, कांग्रेस ,जेएमएम का साथ देख लिया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा भी है कि वह चुनाव अकेले ही लड़ेगी. मगर चुनावी समर में कुछ भी मुमकिन है. अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि बाबूलाल महागठबंधन में शामिल होते हैं या फिर खुद अपने ही दम पर चुनाव लड़ते हैं या फिर इन सभी से दूर तीसरा मोर्चा बनाकर अपने अन्य साथियों के साथ चुनावी नैया में सवार होते हैं.
Last Updated : Nov 5, 2019, 2:55 PM IST
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