रांची: दिल्ली समेत देश के कई भाग इन दिनों वायु प्रदूषण की चपेट में है. हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही है. दिल्ली में ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू हो गया है और पटाखे जलाने पर रोक लगा दी गई है. साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं. धुंध के आगोश में देश की राजधानी दिल्ली में बीएस-4 की सभी गाड़ियां बंद हैं और कॉमर्शियल ट्रक की इंट्री पर पाबंदी लगा दी गई है. इन सबके बीच झारखंड से सुखद समाचार यह है कि यहां का एक्यूआई लेवल करीब-करीब सभी शहरों में भी 50-100 के बीच है. जिस वजह से यहां दम घुटने या आंख में जलन की समस्या नहीं देखी जा रही है.
प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी बोलेः झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी राम प्रवेश सिंह की माने तो झारखंड में दिल्ली जैसी वायु प्रदूषण की नौबत नहीं है. यहां गर्मी के दिनों में अधिकतम एक्यूआई 200 तक जाता है. वर्तमान समय में ऐसी स्थिति नहीं है, जिससे लोगों को चिंतित होने की जरूरत है. इसके पीछे की वजह यह है कि यहां पुआल को मवेशी चारा के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग में लाया जाता है जो सामान्य तौर पर दिल्ली के आसपास नहीं होता. ठंड के समय यह समस्या वहां पुआल को जलाने के बाद उत्पन्न होने लगती है.
जानिए क्या है वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआईः हमारे आसपास फैले वायु प्रदूषण को मापने की पद्धति है जो समय, परिस्थिति और स्थान के अनुसार बदलता रहता है. 0 से 50 को न्यूनतम प्रभाव माना गया है वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 एक्यूआई को मध्यम प्रदूषण और 201 से 300 के बीच खराब माना जाता है. 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के ऊपर गंभीर स्थिति मानी जाती है.
रांची सहित अधिकांश जगहों में संतोषजनक है एक्यूआईः प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के द्वारा रांची सहित राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदूषण से संबंधित डिस्प्ले बोर्ड विभिन्न चौक-चौराहों पर लगाए गए हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से इस डिस्प्ले बोर्ड पर वायु प्रदूषण के वास्तविक आंकड़े प्रदर्शित होते रहते हैं. रांची में हालांकि तकनीकी कारणों से डोरंडा और बिरसा चौक पर डिस्प्ले वर्तमान समय में बंद है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर रांची के डोरंडा में 55.30 एक्यूआई था, वहीं बोकारो में 58.32 था. धनबाद के झरिया में 98.20 रहा.