रांची: वेतनमान की मांग कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने का निर्णय लिया है. पिछले 33 दिनों से राजभवन के समक्ष धरणा दे रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने सरकार की उदासीन रवैया से नाराज होकर रविवार को राज्यभर के सभी जिलों के टेट पास पारा शिक्षक संघ से जुड़े प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में पारा शिक्षक से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों के द्वारा सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.
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अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय ने कहा है कि सरकार अगर उनकी मांगें नहीं मानती है तो उग्र आंदोलन करने के लिए पारा शिक्षक विवश हो जाएंगे. लातेहार के जिला अध्यक्ष घनश्याम कुमार सरकार की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं. घनश्याम कुमार का मानना है कि सरकार महाधिवक्ता की राय को भी अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि यही वो सरकार है जिसने टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का भरोसा दिया था और आज चार साल बीत गए सरकार चुप्पी साधे बैठी है.
राज्य में हैं 14042 टेट पास पारा शिक्षक: राज्य में 2013 और 2016 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद 14042 टेट पास पारा शिक्षक हैं जो सरकारी स्कूलों में पदस्थापित हैं. यह टेट पास पारा शिक्षक लगातार सरकार पर वेतनमान देने का दबाव डालते रहे हैं. इनका मानना है कि राज्य सरकार महाधिवक्ता के परामर्श के आधार पर और अल्पसंख्यक विद्यालयों के आधार पर बिना परीक्षा के टेट पास सहायक अध्यापकों को वेतनमान देने की घोषणा करें.
9 जून 2020 को उच्च स्तरीय कमेटी की हुई बैठक में टेट पास सहायक अध्यापकों को सीधे वेतनमान देने की अनुशंसा का हवाला दिया. आंदोलनरत पारा शिक्षकों का मानना है कि 7 अगस्त 2021 को उच्च स्तरीय कमेटी में टेट पास को सीधे वेतनमान देने की अनुशंसा पर सरकार अमल करे. बहरहाल वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन जारी है और आने वाले समय में यह और तेज होने की संभावना जताई जा रही है.