रांचीः युगांतर भारती की तरफ से आयोजित 10 दिवसीय पर्यावरण मेले की बुधवार से शुरुआत हुई. मेला का उद्घाटन झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डॉक्टर एसएन पाठक और वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने संयुक्त रुप से किया. इस अवसर पर सीसीएल सीएमडी पी एम प्रसाद, विधायक सी पी सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.
कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सुरेंद्र सिन्हा को सम्मानित किया गया. विधायक सरयू राय की मौजूदगी में शुरू हुए इस पर्यावरण मेला में हर दिन पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का व्याख्यान होगा. वही. हर दिन शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. मेला के जरिए पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए की गई इस पहल की जस्टिस एसएन पाठक ने सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को संरक्षित करना ही है. ऐसे में यह मेला लोगों को जागरूक करने में जरूर सफल होगा.
इस मौके पर विधायक सी पी सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का ईमानदारी से प्रयास नहीं किया जा रहा है. उन्होंने पॉल्यूशन बोर्ड पर सिर्फ और सिर्फ उगाही करने का आरोप लगाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने खनन क्षेत्र में वृक्षारोपण पर जोर देते हुए कहा कि यदि इस तरह की पहल नागपुर के तर्ज पर की जाय तो पर्यावरण को संरक्षित करने में बहुत मदद होगी. उन्होंने सरकारी विभागों पर वक्ताओं द्वारा लगाए गए आरोप को सही बताते हुए कहा कि हमने कई बार इसको लेकर सवाल उठाए हैं. सरकार में हूं हमारी भी मजबूरी है, खुलकर नहीं बोल सकता मगर समर्थन जरूर कर सकता हूं. सरयू राय ने संबोधित करते हुए कहा कि 2004 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रयास शुरू हुए. जिसमें कई संगठन जुड़े. जो बाद में युगांतर भारती के रुप में आया. जिसके बाद दामोदर को प्रदुषण मुक्त करने का प्रयास किया जाने लगा. उन्होंने कहा कि आज दामोदर नदी 95% औद्योगिक प्रदुषण मुक्त हो चुका है.
दस दिनों तक चलेगा पर्यावरण मेलाः पर्यावरण संरक्षण को लेकर आयोजित किए गए इस 10 दिवसीय मेला में हर दिन विभिन्न विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इको फ्रेडली स्टॉलों से सजे इस मोरहाबादी मैदान में आने वाले आगंतुकों के लिए भी खास प्रबंध किए गए हैं. यहां हर दिन शाम के वक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. शुभारंभ के मौके पर बनारस घराने के शहनाई वादक संजीव शंकर एवं अश्विनी शंकर के द्वारा प्रस्तुति दी गई, जिसे खूब सराहा गया.
23 फरवरी को झारखंड के सभी जिलों में चित्रांकन और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी और इसी दिन शाम में छऊ नृत्य होगा. 24 फरवरी को प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर विषय पर संगोष्ठी होगी. जिसमें कोलकाता के डॉक्टर मानस रंजन रे व्याख्यान देंगे. उसके बाद पाइका और कालबेलिया नृत्य का कार्यक्रम होगा.
25 फरवरी को पर्यावरण की नीति एवं न्यायिक हस्तक्षेप विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के वरीय पर्यावरणीय अधिवक्ता एसके उपाध्याय व्याख्यान देंगे. 26 फरवरी को पारंपरिक व्यवहार एवं वैश्विक पर्यावरणीय प्रशासन विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने की तैयारी है. जिसमें केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के अवकाश प्राप्त महानिदेशक एसके कुमार एवं डॉल्फिन मैन के नाम से विख्यात आर के सिन्हा और आई फॉरेस्ट के निदेशक चंद्रभूषण शामिल होंगे.
27 फरवरी को तकनीकी चालित विश्व में जीने का अभ्यास विषय पर संगोष्ठी होगी. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और आइआइटी दिल्ली के प्राध्यापक एवं शोधकर्ता प्रो एसई हसनैन संबोधित करेंगे. 28 फरवरी को कृत्रिम बुद्धिमता विकास का पर्यावरण पर प्रभाव विषय पर संगोष्ठी होगी इसमें विशेषज्ञ कुंदन कुमार लाल की व्याख्यान होगी.
1 मार्च को पुनर्चक्रण एवं टिकाऊ विकास विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जाएगी. जिसमें मुख्य वक्ता रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आरपी शर्मा होंगे. 2 मार्च को स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण पर सीएसआर एवं सीआईआर की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जानी है. 3 मार्च को मेले का समापन होगा. जिसमें चिंतक गोविंदाचार्य का व्याख्यान होगा. इस दिन पद्म विभूषण तीजनबाई पंडवानी लोकगीत प्रस्तुत करेंगी.