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आईसीयू में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर बिफरा शिक्षक संघ, मुख्य सचिव को लिखा पत्र - बिना पीपीई किट के डयूटी कर रहे शिक्षक

झारखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनदर राज्य के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कोविड सेंटर, कोविड जांच कैम्प, आइसोलेशन सेंटर आदि जगह पर की गई है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि न तो शिक्षकों को पीपीई किट दी जा रही और न ही अन्य सुरक्षा सामग्री.

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Published : Apr 23, 2021, 6:56 AM IST

रांचीः अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना डयूटी में सुरक्षा सामग्री देने की मांग की है. संघ की ओर से कहा गया है कि राज्य में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थिति में शिक्षकों को विभिन्न अस्पतालों, कोविड एवं वैक्सीन केंद्रों, आईसीयू, कोविड जांच कैम्प, आइसोलेशन सेंटर पर प्रतिनियुक्ति की गई है, जिसमें दुखद पहलू यह है कि ऐसे जोखिम भरे स्थानों पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को न तो पीपीई किट दी जा रही है ना ही अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा सामग्री.

यह भी पढ़ेंः जमशेदपुर में कोरोना मरीजों के शव के अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार, कब्रिस्तान में भी हालात बदतर

यहां तक कि गंभीर रूप से बीमार और 50 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों को भी इन कार्यों में लगाया गया है, जबकि ऐसे लोगों के खुद संक्रमित होने की संभावना अधिक प्रबल होती है.

वैसे भी विभिन्न जिलों में कई शिक्षक संक्रमित भी हो रहे है, कई शिक्षकों की जानें भी जा चुकी हैं, इससे राज्य के शिक्षकों में भय का माहौल व्याप्त है, भयावह स्थिति को देखते हुए शिक्षक अपने आप को असहाय समझ रहे हैं कि इस सरकार में इस समुदाय का कोई सुनने वाला नहीं.

50 लाख के स्वास्थ्य बीमा की मांग

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसे कोरोना ड्यूटी मानकों के विरुद्ध बताते हुए शिक्षकों की आईसीयू में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं करने की मांग की है.

राज्य के मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र में संघ ने सरकार से यह भी मांग की है कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त एवं 50 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों से कोविड सेवा न ली जाए, अन्य कोविड केंद्रों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को पीपीई किट अवश्य उपलब्ध कराई जाए.

कोविड ड्यूटी में सेवा दे रहे किसी शिक्षक या उनके परिवार के संक्रमित होने पर उनके इलाज की उच्च स्तरीय व्यवस्था राज्य सरकार करे और प्रतिनियुक्त शिक्षकों को 50 लाख के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की जाए.

संक्रमित क्षेत्रों में ड्यूटी लेने से आक्रोश

संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र चौबे, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर एवं मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि असुरक्षित माहौल में शिक्षकों की आईसीयू या कोविड केंद्रों पर प्रतिनियुक्ति संक्रमण को रोकने के बजाय इसे बढ़ाने वाला कदम साबित हो सकता है, इसलिए सेवा कार्य में जुटे शिक्षकों के व्यक्तिगत एवं पारिवारिक सुरक्षा के प्रति सचेत रहते हुए उन्हें आवश्यक सुविधा मुहैया कराई जाए.

स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में पूर्णतः बंद रहे स्कूल

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित दिनांक 22 से 29 अप्रैल तक के स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के निर्देशों के आलोक में राज्य के सभी स्कूल पूर्णतः बंद रहे. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के जारी निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, जल संसाधन, विद्युत, पुलिस विभाग एवं राज्य जिला तथा प्रखंड स्तरीय प्रशासनिक कार्यालयों को छोड़कर सभी विभागों को 29 अप्रैल तक बंद रखा गया है, जिसका असर सभी जगह देखने को मिला.

रांचीः अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना डयूटी में सुरक्षा सामग्री देने की मांग की है. संघ की ओर से कहा गया है कि राज्य में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थिति में शिक्षकों को विभिन्न अस्पतालों, कोविड एवं वैक्सीन केंद्रों, आईसीयू, कोविड जांच कैम्प, आइसोलेशन सेंटर पर प्रतिनियुक्ति की गई है, जिसमें दुखद पहलू यह है कि ऐसे जोखिम भरे स्थानों पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को न तो पीपीई किट दी जा रही है ना ही अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा सामग्री.

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यहां तक कि गंभीर रूप से बीमार और 50 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों को भी इन कार्यों में लगाया गया है, जबकि ऐसे लोगों के खुद संक्रमित होने की संभावना अधिक प्रबल होती है.

वैसे भी विभिन्न जिलों में कई शिक्षक संक्रमित भी हो रहे है, कई शिक्षकों की जानें भी जा चुकी हैं, इससे राज्य के शिक्षकों में भय का माहौल व्याप्त है, भयावह स्थिति को देखते हुए शिक्षक अपने आप को असहाय समझ रहे हैं कि इस सरकार में इस समुदाय का कोई सुनने वाला नहीं.

50 लाख के स्वास्थ्य बीमा की मांग

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसे कोरोना ड्यूटी मानकों के विरुद्ध बताते हुए शिक्षकों की आईसीयू में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं करने की मांग की है.

राज्य के मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र में संघ ने सरकार से यह भी मांग की है कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त एवं 50 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों से कोविड सेवा न ली जाए, अन्य कोविड केंद्रों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को पीपीई किट अवश्य उपलब्ध कराई जाए.

कोविड ड्यूटी में सेवा दे रहे किसी शिक्षक या उनके परिवार के संक्रमित होने पर उनके इलाज की उच्च स्तरीय व्यवस्था राज्य सरकार करे और प्रतिनियुक्त शिक्षकों को 50 लाख के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की जाए.

संक्रमित क्षेत्रों में ड्यूटी लेने से आक्रोश

संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र चौबे, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर एवं मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि असुरक्षित माहौल में शिक्षकों की आईसीयू या कोविड केंद्रों पर प्रतिनियुक्ति संक्रमण को रोकने के बजाय इसे बढ़ाने वाला कदम साबित हो सकता है, इसलिए सेवा कार्य में जुटे शिक्षकों के व्यक्तिगत एवं पारिवारिक सुरक्षा के प्रति सचेत रहते हुए उन्हें आवश्यक सुविधा मुहैया कराई जाए.

स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में पूर्णतः बंद रहे स्कूल

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित दिनांक 22 से 29 अप्रैल तक के स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के निर्देशों के आलोक में राज्य के सभी स्कूल पूर्णतः बंद रहे. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के जारी निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, जल संसाधन, विद्युत, पुलिस विभाग एवं राज्य जिला तथा प्रखंड स्तरीय प्रशासनिक कार्यालयों को छोड़कर सभी विभागों को 29 अप्रैल तक बंद रखा गया है, जिसका असर सभी जगह देखने को मिला.

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