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शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 में हो सकता है संशोधन, जानिए शिक्षकों की मंशा

झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ (Jharkhand Progressive Teachers Association) ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि सामान्य स्थानांतरण प्रारंभ करने से पहले कई बाधाओं और प्रावधानों को शिथिल करते हुए 2015-16 और 2019 में नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के लिए सामूहिक अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर प्रदान किया जाए.

Teacher Transfer Rules 2019 may be amended in ranchi
शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 में हो सकता है संशोधन, जानिए शिक्षकों की मंशा
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Published : Jul 19, 2021, 5:32 PM IST

रांची: शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 (Teacher Transfer Manual 2019) में संशोधन के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक विभागीय सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हुई. बैठक में झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हुए. संघ ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि ऑनलाइन पोर्टल के जरिए सामान्य स्थानांतरण करने से पहले प्रावधानों को शिथिल करते हुए 2015-16 और 2019 में नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के लिए सामूहिक अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर प्रदान किया जाए. शिक्षकों का स्थानांतरण उनके घर के पास या आसपास के प्रखंडों में किया जाए.

इसे भी पढ़ें- हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामलाः अभ्यर्थियों ने मंत्री आवास के पास किया प्रदर्शन

उनका कहना है कि ये मौका प्रत्येक कोटि के शिक्षकों को मिलना चाहिए, क्योंकि पिछले 5 सालों से शिक्षक झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के बैनर तले गृह प्रखंड में ट्रांसफर के लिए कई माध्यमों से आंदोलनरत हैं. शिक्षक लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं. उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में तत्काल स्नातक प्रशिक्षित (विज्ञान/भाषा/कला) शिक्षकों का पद सृजन किया जाए, जो न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि ऐसा करने से सामूहिक जिला स्थानांतरण में भी रिक्तियों की समस्या नहीं आएगी. संघ ने अपनी बात रखते हुए मांग रखी है कि पहले योजना बनाते हुए समयबद्ध तरीके से स्थानांतरण का कार्य किया जाए, उसके बाद नई नियुक्ति की जाए.


झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु

1. 2015 में नियुक्त उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षकों समेत 2015 से पहले नियुक्त सभी प्रारंभिक शिक्षकों के पास अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर उपलब्ध था. लेकिन 2015-16 में नियुक्ति विसंगति के कारण अभ्यर्थी अपने गृह जिले में पदस्थापित होने से बंचित रह गए थे और उन्हें ही अब अंतर जिला स्थानांतरण का एक मौका नहीं दिया जा रहा है. ये न्यायोचित नहीं है.
2. जिस तरह माध्यमिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि 2 साल की परिवीक्षाधीन अवधि पूरा करने के बाद ही हो जाता है. इसी तरह प्रारंभिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि के लिए सभी जिलों के लिए विभागीय आदेश शीघ्र जारी होनी चाहिए.
3. स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन और टोल फ्री नंबर जारी करना चाहिए और स्थानांतरण के लिए हर चरण के लिए कैलेंडर जारी कर समयबद्ध तरीके से ये कार्य संपन्न होना चाहिए.

शिक्षकों का तर्क

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि अगर अंतर जिला कर देंगे तो गुणवत्ता में कैसे शिक्षा मिलेगी. इसके जवाब में शिक्षकों ने तर्क दिया कि 2015-16 में हुई है. विभाग के आदेश के मुताबित 1 तारीख को काउंसलिंग करनी थी, लेकिन नहीं हो पाई. शिक्षकों को दूसरे जिलों में जाना पड़ा और लगभग अपने गृह प्रखंड से 300 किलोमीटर से लेकर 400 किलोमीटर की दूरी में जाकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं. बहुत सारे शिक्षकों को भाषा से जुड़ी समस्याएं आ रही है. इन सभी समस्याओं से शिक्षक जूझ रहे हैं और घर से दूर रहने के कारण आने जाने के दौरान बहुत सारे शिक्षकों की सड़क हादसे में मौत हो गई है. इन सभी कारणों से एक बार निश्चित रूप से विभागीय सामूहिक मौका दिया जाए, तो इसमें किसी प्रकार का वित्तीय भार का मामला नहीं आता है और नई शिक्षा नीति 2020 ड्राफ्टिंग के मुताबिक उसके बाद शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं होना है. ऐसी परिस्थिति संशोधित स्थानांतरण नियमावली के तहत निश्चित रूप से एक मौका मिलनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- स्थानांतरण नियमावली 2019 में संशोधन की मांग बरकरार, शिक्षकों को अभी करना होगा इंतजार

बैठक में प्रतिनिधि हुए शामिल

इस मौके पर संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता बजरंग प्रसाद, प्रदेश कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद्र साहू, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित कुमार सोनू, राज्य प्रतिनिधि महबूब आलम, विनोद राम आदि मौजूद रहे.

रांची: शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 (Teacher Transfer Manual 2019) में संशोधन के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक विभागीय सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हुई. बैठक में झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हुए. संघ ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि ऑनलाइन पोर्टल के जरिए सामान्य स्थानांतरण करने से पहले प्रावधानों को शिथिल करते हुए 2015-16 और 2019 में नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के लिए सामूहिक अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर प्रदान किया जाए. शिक्षकों का स्थानांतरण उनके घर के पास या आसपास के प्रखंडों में किया जाए.

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उनका कहना है कि ये मौका प्रत्येक कोटि के शिक्षकों को मिलना चाहिए, क्योंकि पिछले 5 सालों से शिक्षक झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के बैनर तले गृह प्रखंड में ट्रांसफर के लिए कई माध्यमों से आंदोलनरत हैं. शिक्षक लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं. उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में तत्काल स्नातक प्रशिक्षित (विज्ञान/भाषा/कला) शिक्षकों का पद सृजन किया जाए, जो न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि ऐसा करने से सामूहिक जिला स्थानांतरण में भी रिक्तियों की समस्या नहीं आएगी. संघ ने अपनी बात रखते हुए मांग रखी है कि पहले योजना बनाते हुए समयबद्ध तरीके से स्थानांतरण का कार्य किया जाए, उसके बाद नई नियुक्ति की जाए.


झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु

1. 2015 में नियुक्त उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षकों समेत 2015 से पहले नियुक्त सभी प्रारंभिक शिक्षकों के पास अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर उपलब्ध था. लेकिन 2015-16 में नियुक्ति विसंगति के कारण अभ्यर्थी अपने गृह जिले में पदस्थापित होने से बंचित रह गए थे और उन्हें ही अब अंतर जिला स्थानांतरण का एक मौका नहीं दिया जा रहा है. ये न्यायोचित नहीं है.
2. जिस तरह माध्यमिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि 2 साल की परिवीक्षाधीन अवधि पूरा करने के बाद ही हो जाता है. इसी तरह प्रारंभिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि के लिए सभी जिलों के लिए विभागीय आदेश शीघ्र जारी होनी चाहिए.
3. स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन और टोल फ्री नंबर जारी करना चाहिए और स्थानांतरण के लिए हर चरण के लिए कैलेंडर जारी कर समयबद्ध तरीके से ये कार्य संपन्न होना चाहिए.

शिक्षकों का तर्क

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि अगर अंतर जिला कर देंगे तो गुणवत्ता में कैसे शिक्षा मिलेगी. इसके जवाब में शिक्षकों ने तर्क दिया कि 2015-16 में हुई है. विभाग के आदेश के मुताबित 1 तारीख को काउंसलिंग करनी थी, लेकिन नहीं हो पाई. शिक्षकों को दूसरे जिलों में जाना पड़ा और लगभग अपने गृह प्रखंड से 300 किलोमीटर से लेकर 400 किलोमीटर की दूरी में जाकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं. बहुत सारे शिक्षकों को भाषा से जुड़ी समस्याएं आ रही है. इन सभी समस्याओं से शिक्षक जूझ रहे हैं और घर से दूर रहने के कारण आने जाने के दौरान बहुत सारे शिक्षकों की सड़क हादसे में मौत हो गई है. इन सभी कारणों से एक बार निश्चित रूप से विभागीय सामूहिक मौका दिया जाए, तो इसमें किसी प्रकार का वित्तीय भार का मामला नहीं आता है और नई शिक्षा नीति 2020 ड्राफ्टिंग के मुताबिक उसके बाद शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं होना है. ऐसी परिस्थिति संशोधित स्थानांतरण नियमावली के तहत निश्चित रूप से एक मौका मिलनी चाहिए.

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बैठक में प्रतिनिधि हुए शामिल

इस मौके पर संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता बजरंग प्रसाद, प्रदेश कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद्र साहू, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित कुमार सोनू, राज्य प्रतिनिधि महबूब आलम, विनोद राम आदि मौजूद रहे.

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