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रामनवमी के मौके पर बंद रहेगा राजधानी का तपोवन मंदिर, जानें क्या है वजह

झारखंड में कोरोना संक्रमण का रफ्तार लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए रामनवमी के मौके पर रांची के निवारणपुर स्थित प्राचीन श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा.

Tapovan temple of Ranchi will remain closed on occasion of Ram Navami
रामनवमी के मौके पर बंद रहेगा तपोवन मंदिर
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Published : Apr 18, 2021, 7:42 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण को देखते हुए रामनवमी के मौके पर राजधानी के निवारणपुर स्थित प्राचीन श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा. कोरोना महामारी को देखते हुए 21 अप्रैल यानी रामनवमी के दिन मंदिर को गेट बंद रखने का निर्णय लिया गया है.

ये भी पढ़ें-रामनवमी महोत्सव को लेकर महावीर मंडल ने की बैठक, कहा- ऐतिहासिक तरीके से मनाया जाएगा त्योहार

ट्रस्ट समिति की बैठक

रांची में रविवार को श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर ट्रस्ट समिति की बैठक हुई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक हित में लोगों के बीच कोरोना संक्रमण न फैले, इसलिए मंदिर का मुख्य गेट बंद रखा जाए. रामनवमी के दिन हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं. ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलने का डर है. मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपने-अपने घरों में ही पूजा-अर्चना कर उत्सव मनाने की अपील की है, जिससे लोग सुरक्षित रह सकें. मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण की मानें तो मंदिर में ना तो प्रसाद चढ़ाया जायेगा और ना ही रामनवमी के अवसर पर सार्वजनिक उत्सव मनाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से रामनवमी के अवसर पर पारंपरिक पूजा अर्चना की जाएगी.

ऐतिहासिक है रांची का प्राचीन तपोवन मंदिर
रांची के निवारणपुर स्थित प्राचीन तपोवन मंदिर का इतिहास कई दशक पुराना है. पूरे भारत में रामनवमी के दिन राम की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन झारखंड में रामनवमी के दिन हनुमान जी की भी पूजा की जाती है और कई जगहों पर जुलूस भी निकाला जाता है. रामनवमी के मौके पर निकलने वाले जुलूस तपोवन मंदिर तक यात्रा किए बिना पूर्ण नहीं माना जाता है. यहां पहली बार 1929 में उस झंडे की पूजा हुई थी, जो महावीर चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर से वहां ले जाया गया था. तत्कालीन महंत बंकटेश्वर दास ने जुलूस का स्वागत और झंडे का पूजन किया था. उसी दिन से यह परंपरा शुरू हुई थी.

रांची: कोरोना संक्रमण को देखते हुए रामनवमी के मौके पर राजधानी के निवारणपुर स्थित प्राचीन श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा. कोरोना महामारी को देखते हुए 21 अप्रैल यानी रामनवमी के दिन मंदिर को गेट बंद रखने का निर्णय लिया गया है.

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ट्रस्ट समिति की बैठक

रांची में रविवार को श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर ट्रस्ट समिति की बैठक हुई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक हित में लोगों के बीच कोरोना संक्रमण न फैले, इसलिए मंदिर का मुख्य गेट बंद रखा जाए. रामनवमी के दिन हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं. ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलने का डर है. मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपने-अपने घरों में ही पूजा-अर्चना कर उत्सव मनाने की अपील की है, जिससे लोग सुरक्षित रह सकें. मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण की मानें तो मंदिर में ना तो प्रसाद चढ़ाया जायेगा और ना ही रामनवमी के अवसर पर सार्वजनिक उत्सव मनाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से रामनवमी के अवसर पर पारंपरिक पूजा अर्चना की जाएगी.

ऐतिहासिक है रांची का प्राचीन तपोवन मंदिर
रांची के निवारणपुर स्थित प्राचीन तपोवन मंदिर का इतिहास कई दशक पुराना है. पूरे भारत में रामनवमी के दिन राम की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन झारखंड में रामनवमी के दिन हनुमान जी की भी पूजा की जाती है और कई जगहों पर जुलूस भी निकाला जाता है. रामनवमी के मौके पर निकलने वाले जुलूस तपोवन मंदिर तक यात्रा किए बिना पूर्ण नहीं माना जाता है. यहां पहली बार 1929 में उस झंडे की पूजा हुई थी, जो महावीर चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर से वहां ले जाया गया था. तत्कालीन महंत बंकटेश्वर दास ने जुलूस का स्वागत और झंडे का पूजन किया था. उसी दिन से यह परंपरा शुरू हुई थी.

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