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एक बार फिर नगर निकाय चुनाव पर लगा ग्रहण, टीएसी की बैठक में शिड्यूल क्षेत्र में आरक्षण पर होगा विचार

राज्य में नगर निकायों के विभिन्न पदों पर अनुसूचित जनजाति के सीट आरक्षण को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है. इसी विवाद के समाधान के लिए जनजातीय परामर्शदात्री काउंसिल (Tribal Advisory Council) की बैठक (TAC meeting regarding reservation for ST) होगी.

TAC meeting regarding reservation for ST
TAC meeting regarding reservation for ST
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Published : Nov 23, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Nov 23, 2022, 12:38 PM IST

रांची: एक बार फिर नगर निगम चुनाव पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. चुनाव तैयारियों के बीच अनुसूचित क्षेत्र में नगर निकायों के विभिन्न पदों पर अनुसूचित जनजाति को आरक्षित करने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आदिवासी संगठनों के दबाव के बीच बुधवार को जनजातीय परामर्शदात्री काउंसिल (टीएसी) की बैठक होगी (TAC meeting regarding reservation for ST) .

यह भी पढ़ें: झारखंड में दो से अधिक संतानों वाले लोग नहीं लड़ सकेंगे नगर निकाय चुनाव, आयोग ने जारी किया आदेश

11 एजेंडों पर चर्चा: जानकारी के मुताबिक टीएसी की बैठक दोपहर 3 बजे के करीब होगी. टीएसी की बैठक में कुल 11 एजेंडों पर चर्चा होगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा 'द प्रोविजन ऑफ द म्यूनिसिपैलिटिज बिल 2001' पर स्टैंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा होगा. इस बिल में प्रावधान किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप मेयर अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति के लिए ही आरक्षित होगा. परंतु इसके लिए टीएसी की अनुशंसा अनिवार्य है.

टीएसी की बैठक: गौरतलब है कि रांची नगर निगम सहित अन्य शिड्यूल क्षेत्र के महापौर या अध्यक्ष पद एसटी से हटाकर एससी या अन्य किये जाने का बाद विवाद गहराने लगा और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचने लगी है. धरना प्रदर्शन के बीच आदिवासी संगठनों द्वारा हाईकोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. इन सबके बीच यदि टीएसी की बैठक में संशोधन पर फैसला ले लिया जाता है तो एक बार फिर नये सिरे से आरक्षण तय करना होगा. स्वाभाविक रूप से राज्य निर्वाचन आयोग की वर्तमान तैयारी धरी की धरी रह जायेगी.

नगर निकाय चुनाव पर लगता रहा है ग्रहण: नगर निकाय चुनाव पर राज्य में ग्रहण लगता रहा है. पहले कोरोना की वजह से अधिकांश नगर निकायों के खाली पदों पर चुनाव नहीं हो सका था. उसके बाद पंचायत चुनाव होते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू की, तो सरकार स्तर पर नियमावली में बार- बार बदलाव किये जाने के कारण यह चुनाव लटकता रहा. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी इस चुनाव में बाधा पहुंचाता रहा और अंत में बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का सरकार ने निर्णय लिया. अब राज्यपाल की सहमति इस चुनाव को लेकर मिल गई है. तो शिड्यूल क्षेत्र में महापौर और अध्यक्ष और वार्ड पार्षद के पदों के आरक्षण में फेरबदल ने विवाद को एक बार फिर से जन्म दे दिया है.

इन नगर निकायों में होना है चुनाव
नगर निगम: रांची, हजारीबाग, पलामू , धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर और मानगो

नगर परिषद: गढ़वा, बिश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी तिलैया, गोमिया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम.

नगर पंचायत: बरहरवा, बासुकीनाथ, बुंडू, चाकुलिया, छतरपुर, धनवार, डोमचांच, हरिहरगंज, हुसैनाबाद, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, महागामा, मझिगांव, नगर उंटारी, राजमहल और सरायकेला.

रांची: एक बार फिर नगर निगम चुनाव पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. चुनाव तैयारियों के बीच अनुसूचित क्षेत्र में नगर निकायों के विभिन्न पदों पर अनुसूचित जनजाति को आरक्षित करने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आदिवासी संगठनों के दबाव के बीच बुधवार को जनजातीय परामर्शदात्री काउंसिल (टीएसी) की बैठक होगी (TAC meeting regarding reservation for ST) .

यह भी पढ़ें: झारखंड में दो से अधिक संतानों वाले लोग नहीं लड़ सकेंगे नगर निकाय चुनाव, आयोग ने जारी किया आदेश

11 एजेंडों पर चर्चा: जानकारी के मुताबिक टीएसी की बैठक दोपहर 3 बजे के करीब होगी. टीएसी की बैठक में कुल 11 एजेंडों पर चर्चा होगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा 'द प्रोविजन ऑफ द म्यूनिसिपैलिटिज बिल 2001' पर स्टैंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा होगा. इस बिल में प्रावधान किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप मेयर अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति के लिए ही आरक्षित होगा. परंतु इसके लिए टीएसी की अनुशंसा अनिवार्य है.

टीएसी की बैठक: गौरतलब है कि रांची नगर निगम सहित अन्य शिड्यूल क्षेत्र के महापौर या अध्यक्ष पद एसटी से हटाकर एससी या अन्य किये जाने का बाद विवाद गहराने लगा और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचने लगी है. धरना प्रदर्शन के बीच आदिवासी संगठनों द्वारा हाईकोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. इन सबके बीच यदि टीएसी की बैठक में संशोधन पर फैसला ले लिया जाता है तो एक बार फिर नये सिरे से आरक्षण तय करना होगा. स्वाभाविक रूप से राज्य निर्वाचन आयोग की वर्तमान तैयारी धरी की धरी रह जायेगी.

नगर निकाय चुनाव पर लगता रहा है ग्रहण: नगर निकाय चुनाव पर राज्य में ग्रहण लगता रहा है. पहले कोरोना की वजह से अधिकांश नगर निकायों के खाली पदों पर चुनाव नहीं हो सका था. उसके बाद पंचायत चुनाव होते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू की, तो सरकार स्तर पर नियमावली में बार- बार बदलाव किये जाने के कारण यह चुनाव लटकता रहा. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी इस चुनाव में बाधा पहुंचाता रहा और अंत में बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का सरकार ने निर्णय लिया. अब राज्यपाल की सहमति इस चुनाव को लेकर मिल गई है. तो शिड्यूल क्षेत्र में महापौर और अध्यक्ष और वार्ड पार्षद के पदों के आरक्षण में फेरबदल ने विवाद को एक बार फिर से जन्म दे दिया है.

इन नगर निकायों में होना है चुनाव
नगर निगम: रांची, हजारीबाग, पलामू , धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर और मानगो

नगर परिषद: गढ़वा, बिश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी तिलैया, गोमिया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम.

नगर पंचायत: बरहरवा, बासुकीनाथ, बुंडू, चाकुलिया, छतरपुर, धनवार, डोमचांच, हरिहरगंज, हुसैनाबाद, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, महागामा, मझिगांव, नगर उंटारी, राजमहल और सरायकेला.

Last Updated : Nov 23, 2022, 12:38 PM IST
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