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स्वास्थ्य से खिलवाड़! अब तक नहीं हुई रथ मेला में बिक रही रंग-बिरंगी मिठाइयों की गुणवत्ता जांच

रांची के जगन्नाथपुर में रथ यात्रा की धूम पूरी 9 दिनों तक रहती है. इन दिनों जगन्नाथपुर मंदिर का मैदान मेला परिसर में तब्दील रहता है. यहां लोगों को आकर्षित करने के लिए रंग बिरंगी मिठाइयों की बिक्री हो रही है. लेकिन हैरत की बात ये है कि अभी तक एक भी मिठाई की गुणवत्ता की जांच नहीं हुई है.

sweets quality not checked selling at jagannathpur rath mela in ranchi
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Published : Jun 23, 2023, 7:57 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 8:13 PM IST

स्टेट फूड लैबोरेट्री के हेड चतुर्भुज मीणी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

रांची: जगन्नाथपुर में रथ यात्रा मेला लगा है. भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने मौसी के घर में रह रहे हैं. इसको लेकर यहां 9 दिनों तक मेला का आयोजन किया जाता है. जहां एक से बढ़कर एक झूला लगा है तो ग्रामीण इलाकों में बिकने वाली रंग-बिरंगी मिठाइयां लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. चटक रंग और देखने में बेहद आकर्षक ये मिठाई स्वास्थ्य के लिए कितना सही है इसकी जानकारी इस बार किसी को नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इस बार स्टेट स्टेट फूड लेबोरेटरी और फूड सेफ्टी विभाग की कोई भी टीम इन मिठाइयों की गुणवत्ता जांच करने नहीं पहुंची है.

इसे भी पढ़ें- Giridih News: प्लास्टिक चावल के संदेह में बगोदर प्रखंड में राशन कार्डधारियों ने किया हंगामा, चावल उठाने से किया इनकार

पिछले वर्ष जांच में मिलावटी मिठाई पकड़ में आयी थीः पिछले वर्ष जगन्नाथपुर में रथ यात्रा मेला के दौरान कई बार स्टेट स्टेट फूड लेबोरेटरी और फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने मोबाइल लैब के जरिए मेले में बिक रही मिठाइयों की गुणवत्ता जांच की थी. उस समय मिठाइयों से लेकर समोसा, कचरी, पकौड़ी तक में इस्तेमाल होने वाले तेल तक में गड़बड़ी पकड़ी गई थी. चटक रंग में दिखने वाली मिठाइयों में इंडस्ट्रियल रंग का इस्तेमाल की बात भी सामने आई थी. उस समय बड़ी मात्रा में मिलावटी मिठाइयों को बर्बाद कर दिया गया था. लेकिन इस बार तो मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मेला तक पहुंचा ही नहीं. इनकी जांच के लिए ना सैम्पल लिया गया और ना ही किसी मिठाई की जांच अब तक हो पाई है. लेकिन हर दिन बड़ी संख्या में लोग मेले से मिठाई खरीद कर खा रहे हैं, इसका दूरगामी प्रभाव क्या होगा ये किसी को पता नहीं.

मानव संसाधन की कमी की वजह से नहीं हुई जांचः इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने स्टेट फूड लैबोरेट्री के हेड और खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणी से बात की. उन्होंने भी माना कि स्टाफ की कमी की वजह से अभी तक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन मेले में नहीं जा पाया है. उन्होंने कहा कि हमारे पास दो मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब वैन है लेकिन इसके लिए अलग से स्टाफ नहीं है. लैब में भी स्टाफ की काफी कमी है महज दो सहयोगी के भरोसे लैब चलाया जा रहा है. ऐसे में इन परेशानियों की वजह से अभी तक मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मेले में नहीं गया है.

उन्होंने जन सरोकार और जन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को उठाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए यह भरोसा दिलाया कि कम संसाधनों के बावजूद शनिवार और सोमवार को मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन को मेले में ले जाएंगे. साथ ही वहीं ऑन स्पॉट मिठाइयों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की जांच करेंगे और गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी. चतुर्भुज मीणा ने कहा कि लोगों को भी खुद मिलावटी पदार्थो को लेकर जागरूक रहना होगा.

स्टेट फूड लैबोरेट्री के हेड चतुर्भुज मीणी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

रांची: जगन्नाथपुर में रथ यात्रा मेला लगा है. भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने मौसी के घर में रह रहे हैं. इसको लेकर यहां 9 दिनों तक मेला का आयोजन किया जाता है. जहां एक से बढ़कर एक झूला लगा है तो ग्रामीण इलाकों में बिकने वाली रंग-बिरंगी मिठाइयां लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. चटक रंग और देखने में बेहद आकर्षक ये मिठाई स्वास्थ्य के लिए कितना सही है इसकी जानकारी इस बार किसी को नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इस बार स्टेट स्टेट फूड लेबोरेटरी और फूड सेफ्टी विभाग की कोई भी टीम इन मिठाइयों की गुणवत्ता जांच करने नहीं पहुंची है.

इसे भी पढ़ें- Giridih News: प्लास्टिक चावल के संदेह में बगोदर प्रखंड में राशन कार्डधारियों ने किया हंगामा, चावल उठाने से किया इनकार

पिछले वर्ष जांच में मिलावटी मिठाई पकड़ में आयी थीः पिछले वर्ष जगन्नाथपुर में रथ यात्रा मेला के दौरान कई बार स्टेट स्टेट फूड लेबोरेटरी और फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने मोबाइल लैब के जरिए मेले में बिक रही मिठाइयों की गुणवत्ता जांच की थी. उस समय मिठाइयों से लेकर समोसा, कचरी, पकौड़ी तक में इस्तेमाल होने वाले तेल तक में गड़बड़ी पकड़ी गई थी. चटक रंग में दिखने वाली मिठाइयों में इंडस्ट्रियल रंग का इस्तेमाल की बात भी सामने आई थी. उस समय बड़ी मात्रा में मिलावटी मिठाइयों को बर्बाद कर दिया गया था. लेकिन इस बार तो मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मेला तक पहुंचा ही नहीं. इनकी जांच के लिए ना सैम्पल लिया गया और ना ही किसी मिठाई की जांच अब तक हो पाई है. लेकिन हर दिन बड़ी संख्या में लोग मेले से मिठाई खरीद कर खा रहे हैं, इसका दूरगामी प्रभाव क्या होगा ये किसी को पता नहीं.

मानव संसाधन की कमी की वजह से नहीं हुई जांचः इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने स्टेट फूड लैबोरेट्री के हेड और खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणी से बात की. उन्होंने भी माना कि स्टाफ की कमी की वजह से अभी तक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन मेले में नहीं जा पाया है. उन्होंने कहा कि हमारे पास दो मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब वैन है लेकिन इसके लिए अलग से स्टाफ नहीं है. लैब में भी स्टाफ की काफी कमी है महज दो सहयोगी के भरोसे लैब चलाया जा रहा है. ऐसे में इन परेशानियों की वजह से अभी तक मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मेले में नहीं गया है.

उन्होंने जन सरोकार और जन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को उठाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए यह भरोसा दिलाया कि कम संसाधनों के बावजूद शनिवार और सोमवार को मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन को मेले में ले जाएंगे. साथ ही वहीं ऑन स्पॉट मिठाइयों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की जांच करेंगे और गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी. चतुर्भुज मीणा ने कहा कि लोगों को भी खुद मिलावटी पदार्थो को लेकर जागरूक रहना होगा.

Last Updated : Jun 23, 2023, 8:13 PM IST
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