रांची: झारखंड सरकार ने अपर मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी सुखदेव सिंह को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है. फिलहाल सुखदेव सिंह राज्य के विकास आयुक्त के पद पर तैनात थे. साथ ही जीआरडीए के प्रबंध निदेशक, गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग और वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त प्रभार में भी थे. 1987 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह के लिए यह आदेश 1 अप्रैल से प्रभावी होगा. दरअसल राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव डीके तिवारी 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं.
वहीं श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव के पद पर पोस्टेड राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. अभी तक एक्का श्रम आयुक्त, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई गवर्नेंस विभाग और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार में थे. दोनों अधिकारियों की नई जिम्म्मेदारी से जुड़ी अधिसूचना राज्य के कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने शनिवार को जारी कर दी है.
'घोटाले वाली' कोड़ा सरकार में भी रहे बेदाग
1987 बैच के आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह पूर्ववर्ती मधु कोड़ा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे हैं कथित तौर पर मधु कोड़ा के कार्यकाल को घोटाले वाली सरकार के कार्यकाल के नाम से ज्यादा जाना जाता है बावजूद इसके सुखदेव सिंह वैसे अधिकारी हैं जिनके ऊपर जरा भी दाग नहीं लगा.
नैतिकता का पेश किया था उदाहरण
इतना ही नहीं पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि चारा घोटाले के मामले में उन्हें सीबीआई कोर्ट के निर्देश पर धारा 319 के तहत आरोपी बनाया गया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वित्त सचिव के पद से हटा दिया जाए क्योंकि मामला ट्रेजरी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने नैतिकता का उदाहरण पेश करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए हालांकि तत्कालीन सरकार ने ऐसा नहीं किया. सिंह 2010 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन के प्रधान सचिव भी नियुक्त किए गए थे. उससे पहले सिंह अगस्त 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रधान सचिव के पद पर भी रहे हैं. साथ ही सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रह चुके हैं. सिंह का रिटायरमेंट 2024 में है.
अलग अलग जिम्मेदारियों का वहन किया है एक्का ने
वही सीएम के प्रधान सचिव पद के लिए सरकार बनने के शुरुआती दौर में राजीव अरुण एक्का का नाम चर्चा में आया था। बाद में पंजाब कैडर के डीप्रवा लाकड़ा और झारखण्ड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे के नाम की चर्चा ने जोर पकड़ा था। हालांकि पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय चौबे को नगर विकास सचिव बना दिया गया। वहीं लाकड़ा कि केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने के बाद यह जिम्मेदारी एक्का को दे दी गई बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उसके बाद से अब तक उनके प्रधान सचिव का पद खाली पड़ा हुआ था.
सुखदेव सिंह मुख्य सचिव और राजीव अरुण एक्का सीएम के प्रधान सचिव बने, ऐसा रहा है इनका सफर
17:51 March 28
सुखदेव सिंह बने झारखण्ड के मुख्य सचिव
17:51 March 28
सुखदेव सिंह बने झारखण्ड के मुख्य सचिव
रांची: झारखंड सरकार ने अपर मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी सुखदेव सिंह को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है. फिलहाल सुखदेव सिंह राज्य के विकास आयुक्त के पद पर तैनात थे. साथ ही जीआरडीए के प्रबंध निदेशक, गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग और वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त प्रभार में भी थे. 1987 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह के लिए यह आदेश 1 अप्रैल से प्रभावी होगा. दरअसल राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव डीके तिवारी 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं.
वहीं श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव के पद पर पोस्टेड राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. अभी तक एक्का श्रम आयुक्त, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई गवर्नेंस विभाग और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार में थे. दोनों अधिकारियों की नई जिम्म्मेदारी से जुड़ी अधिसूचना राज्य के कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने शनिवार को जारी कर दी है.
'घोटाले वाली' कोड़ा सरकार में भी रहे बेदाग
1987 बैच के आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह पूर्ववर्ती मधु कोड़ा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे हैं कथित तौर पर मधु कोड़ा के कार्यकाल को घोटाले वाली सरकार के कार्यकाल के नाम से ज्यादा जाना जाता है बावजूद इसके सुखदेव सिंह वैसे अधिकारी हैं जिनके ऊपर जरा भी दाग नहीं लगा.
नैतिकता का पेश किया था उदाहरण
इतना ही नहीं पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि चारा घोटाले के मामले में उन्हें सीबीआई कोर्ट के निर्देश पर धारा 319 के तहत आरोपी बनाया गया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वित्त सचिव के पद से हटा दिया जाए क्योंकि मामला ट्रेजरी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने नैतिकता का उदाहरण पेश करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए हालांकि तत्कालीन सरकार ने ऐसा नहीं किया. सिंह 2010 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन के प्रधान सचिव भी नियुक्त किए गए थे. उससे पहले सिंह अगस्त 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रधान सचिव के पद पर भी रहे हैं. साथ ही सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रह चुके हैं. सिंह का रिटायरमेंट 2024 में है.
अलग अलग जिम्मेदारियों का वहन किया है एक्का ने
वही सीएम के प्रधान सचिव पद के लिए सरकार बनने के शुरुआती दौर में राजीव अरुण एक्का का नाम चर्चा में आया था। बाद में पंजाब कैडर के डीप्रवा लाकड़ा और झारखण्ड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे के नाम की चर्चा ने जोर पकड़ा था। हालांकि पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय चौबे को नगर विकास सचिव बना दिया गया। वहीं लाकड़ा कि केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने के बाद यह जिम्मेदारी एक्का को दे दी गई बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उसके बाद से अब तक उनके प्रधान सचिव का पद खाली पड़ा हुआ था.