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रांचीः JPSC में आरक्षण पर छात्रों ने उठाए सवाल, जमकर किया विरोध प्रदर्शन - जेपीएससी की पीटी परीक्षा

6ठी जेपीएससी को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद छात्रों ने जेपीएससी पर सवाल खड़े किए हैं. जिसको लेकर ओबीसी और एसटी-एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जेपीएससी का विरोध किया है.

झारखंज लोक सेवा आयोग
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Published : Nov 1, 2019, 7:56 PM IST

रांची: 6ठी जेपीएससी से जुड़े हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब पीटी परीक्षा में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. ओबीसी और एसटी-एससी वर्ग के विद्यार्थियों ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि झारखंड में 52 प्रतिशत ओबीसी को मात्र 14 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सवर्णों को आबादी से 10 फीसदी ज्यादा आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

देखें पूरी खबर

छात्रों का क्या है कहना
छात्रों ने आरोप लगाया है कि झारखंड में जेपीएससी, जेएसएससी, सीजीएल समेत अन्य नियुक्तियों में आरक्षण का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. एक तरफ जहां आरक्षित वर्गो के छात्रों का अंक अनारक्षित अभ्यर्थियों से ज्यादा लाने पर भी अनारक्षित श्रेणी में रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि झारखंड के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को अनिवार्य रूप से लागू न करके वैकल्पिक रूप से लागू किया गया है. वहीं, उड़िया, बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी और मैथिली जैसी भाषाओं को ज्यादा तबज्जो दिया जा रहा है, जिसे आदिवासी और मूलवासी समुदाय हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे. छात्रों का कहना है कि इस इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन किया जाएगा, वहीं, आने वाले समय में जेपीएससी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक, राष्ट्रीय एकता दिवस पर 141 बंदियों को रिहा करने पर बनी सहमति

गौरतलब है कि, जेपीएससी ने 7वीं, 8वीं और 9वीं के पीटी एग्जाम की संभावित तारीख घोषित कर दी है. तीनों परीक्षाएं आयोग एक साथ लेगी. हालांकि, रिक्तियों की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है, इसीलिए संभावित तिथि की घोषित की गई है. इधर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी करने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिए भी हैं.

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार जा सकती है सुप्रीम कोर्ट
खबरें आ रही हैं कि झारखंड लोक सेवा आयोग की 6ठी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल कर सकती है. इसे लेकर लगातार राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल विचार विमर्श कर रहे हैं. विभिन्न पर्व, त्योहारों की छुट्टियों के बाद राज्य सरकार यह कदम उठा सकती है.

बता दें कि, हाई कोर्ट ने सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसके तहत प्रारंभिक परीक्षा में 34,634 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. सरकार ने इसके लिए 12 फरवरी 2018 को ही संकल्प जारी किया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्य परीक्षा होने की वजह से अब जेपीएससी उन्हीं अभ्यर्थियों के परिणाम घोषित करेगी जो पहले संशोधन के बाद सफल हुए थे. पहले संशोधन के बाद 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे. अदालत ने 6,103 अभ्यर्थियों के ही मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने का आदेश दिया है.

रांची: 6ठी जेपीएससी से जुड़े हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब पीटी परीक्षा में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. ओबीसी और एसटी-एससी वर्ग के विद्यार्थियों ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि झारखंड में 52 प्रतिशत ओबीसी को मात्र 14 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सवर्णों को आबादी से 10 फीसदी ज्यादा आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

देखें पूरी खबर

छात्रों का क्या है कहना
छात्रों ने आरोप लगाया है कि झारखंड में जेपीएससी, जेएसएससी, सीजीएल समेत अन्य नियुक्तियों में आरक्षण का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. एक तरफ जहां आरक्षित वर्गो के छात्रों का अंक अनारक्षित अभ्यर्थियों से ज्यादा लाने पर भी अनारक्षित श्रेणी में रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि झारखंड के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को अनिवार्य रूप से लागू न करके वैकल्पिक रूप से लागू किया गया है. वहीं, उड़िया, बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी और मैथिली जैसी भाषाओं को ज्यादा तबज्जो दिया जा रहा है, जिसे आदिवासी और मूलवासी समुदाय हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे. छात्रों का कहना है कि इस इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन किया जाएगा, वहीं, आने वाले समय में जेपीएससी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक, राष्ट्रीय एकता दिवस पर 141 बंदियों को रिहा करने पर बनी सहमति

गौरतलब है कि, जेपीएससी ने 7वीं, 8वीं और 9वीं के पीटी एग्जाम की संभावित तारीख घोषित कर दी है. तीनों परीक्षाएं आयोग एक साथ लेगी. हालांकि, रिक्तियों की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है, इसीलिए संभावित तिथि की घोषित की गई है. इधर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी करने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिए भी हैं.

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार जा सकती है सुप्रीम कोर्ट
खबरें आ रही हैं कि झारखंड लोक सेवा आयोग की 6ठी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल कर सकती है. इसे लेकर लगातार राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल विचार विमर्श कर रहे हैं. विभिन्न पर्व, त्योहारों की छुट्टियों के बाद राज्य सरकार यह कदम उठा सकती है.

बता दें कि, हाई कोर्ट ने सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसके तहत प्रारंभिक परीक्षा में 34,634 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. सरकार ने इसके लिए 12 फरवरी 2018 को ही संकल्प जारी किया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्य परीक्षा होने की वजह से अब जेपीएससी उन्हीं अभ्यर्थियों के परिणाम घोषित करेगी जो पहले संशोधन के बाद सफल हुए थे. पहले संशोधन के बाद 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे. अदालत ने 6,103 अभ्यर्थियों के ही मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने का आदेश दिया है.

Intro:रांची।

एक तरफ जहां जेपीएससी द्वारा सातवीं, आठवीं, नौवीं पीटी एग्जाम के संभावित तिथि घोषित कर दी गई है तो वहीं पीटी परीक्षा में आरक्षण की गड़बड़ी को लेकर विरोध के स्वर एक बार फिर उठने लगे हैं .ओबीसी और एसटी -एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जेपीएससी का विरोध किया है .गौरतलब है कि छठी जेपीएससी को लेकर हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है .उसके बाद विरोध का स्वर उठना कहीं ना कहीं जेपीएससी पर सवाल खड़ा कर रहा है.


Body:छठी जेपीएससी से जुड़े हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब पीटी परीक्षा में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ओबीसी और एसटी -एससी वर्ग के विद्यार्थियों ने विरोध प्रकट किया है।. इन छात्रों का कहना है कि झारखंड में 52 प्रतिशत ओबीसी को मात्र 14 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है .जबकि सवर्णों को आबादी से ज्यादा 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की प्रावधान की गई है .झारखंड में जेपीएससी, जेएसएससी ,सीजीएल समेत अन्य नियुक्तियों में आरक्षण का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है .आरक्षित वर्गो के छात्रों का अंक अनारक्षित अभ्यर्थियों से ज्यादा अंक लाने पर भी अनारक्षित श्रेणी में रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है .दूसरी और झारखंड के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को अनिवार्य रूप से लागू न करके वैकल्पिक रूप से लागू किया गया है.जबकि उड़िया, बंगाली ,हिंदी ,अंग्रेजी, भोजपुरी मैथिली जैसे भाषाओं को ज्यादा तबज्जो दिया जा रहा है .जो झारखंड के आदिवासी और मूलवासी हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी .ओबीसी और एसटी एससी वर्ग के छात्रों ने इस मामले को लेकर जोरदार आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है .आने वाले समय में जेपीएससी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा.


Conclusion:गौरतलब है कि जेपीएससी ने सातवीं आठवीं और नौवीं की पीटी एग्जाम के संभावित तिथि घोषित कर दी है. तीनों परीक्षाएं आयोग द्वारा एक साथ ली जाएगी. हालांकि रिक्तियों की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है .इसीलिए संभावित तिथि की घोषित की गई है .इधर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी करने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार जा सकती है सुप्रीम कोर्ट:

खबर ऐसे भी आ रही है कि झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल कर सकती है .इसे लेकर लगातार राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल विचार विमर्श कर रही है. विभिन्न पर्व त्योहारों के छुट्टियों के बाद राज्य सरकार यह कदम उठा सकती है .मालूम हो कि हाई कोर्ट द्वारा सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है .जिसके तहत प्रारंभिक परीक्षा में 34,634 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. सरकार ने इसके लिए 12 फरवरी 2018 को ही संकल्प जारी किया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्य परीक्षा होने की वजह से अब जेपीएससी उन्हीं अभ्यर्थियों के परिणाम घोषित करेगी जो पहले संशोधन के बाद सफल हुए थे .पहले संशोधन के बाद 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित किया गया था .अदालत ने 6,103 अभ्यर्थियों के ही मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने का आदेश दिया है.
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