रांची: भारत के छात्रों को देश की विभिन्न संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानकारी देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों का भ्रमण कराया जा रहा है. इसके तहत झारखंड के विभिन्न जिलों के रहने वाले विभिन्न संस्थाओं के छात्रों को एक सप्ताह के लिए हरियाणा टूर पर ले जाया गया था. एक सप्ताह के टूर के बाद दो दिसंबर को सभी छात्र हरियाणा से रांची लौट गए हैं. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भारत सरकार का धन्यवाद अदा किया.
विद्यार्थियों को हरियाणा की संस्कृति और परंपरा को जानने का अवसर मिलाः भारत सरकार के कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत सभी छात्रों को हरियाणा की संस्कृति और परंपराओं को जानने का अवसर मिला. टूर से रांची लौटने के बाद छात्रा तन्वी झा, छात्रा पूजा जावेद, छात्र विष्णु गौरव ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से छोटे शहरों के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को काफी लाभ होता है. शनिवार को हरियाणा टूर से लौटे छात्रों ने बताया कि हरियाणा की संस्कृति और वहां के गुरुकुल परंपरा को देखकर छात्रों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. वहीं एमिटी यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बताया कि आज के समय में छात्र एक रूम में रहकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं. उन्हें बाहर जाने का मौका नहीं मिलता है. इस तरह के टूर से छात्रों को सिर्फ व्यवहारिक जीवन में ही नहीं, बल्कि शैक्षणिक क्षेत्र में भी कई जानकारियां मिलती हैं.
एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत छात्रों को कराया जा रहा भ्रमणः वहीं छात्रों के साथ हरियाणा टूर पर गए नोडल पदाधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि हरियाणा दौरे पर गए छात्र काफी खुश हैं. छात्रों ने कहा कि इस तरह के और कार्यक्रम सरकार के द्वारा आने वाले दिनों में चलाने की जरूरत है, ताकि युवा भारत के विभिन्न संस्कृतियों और परंपरा को समझ सकें. वहीं नोडल पदाधिकारी डॉ शादाब हुसैन ने बताया कि आने वाले दिनों में भारत सरकार के एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत हरियाणा के छात्र रांची जाएंगे और फिर यहां की संस्कृति और सभ्यता को जानेंगे. इस तरह के कार्यक्रम से लोग विभिन्न राज्यों में रहने वाले एक दूसरे के परंपराओं को समझते हैं. जो आने वाले दिनों में आपसी सौहार्द को बढ़ाता है.हरियाणा टूर से लौटे छात्रों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को राज्य सरकार के द्वारा भी आयोजन कराने की जरूरत है, ताकि झारखंड की विभिन्न संस्कृति को भी यहां के स्थानीय छात्र समझ सकें.
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