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दूसरे प्रदेशों में अभी भी फंसे हैं झारखंड के हजारों छात्र, वापस लाने के लिए लगा रहे सरकार से गुहार

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Published : May 20, 2020, 7:20 PM IST

Updated : May 21, 2020, 9:54 AM IST

लॉकडाउन के कारण पूरे देश में मजदूर और छात्र दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं. झारखंड सरकार अपने प्रदेशों के फंसे मजदूरों और विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए पहल कर रही है, लेकिन आज भी झारखंड के लाखों लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
झारखंड के स्टूडेंट्स लॉकडाउन में फंसे

रांची: पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. ऐसे में कई हजारों मजदूर और स्टूडेंट्स जहां-तहां फंसे हुए हैं. झारखंड के भी हजारों स्टूडेंट्स अब भी अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्टूडेंट्स को हॉस्टल और पीजी प्रबंधकों की ओर से भी कई तरह की समस्याएं खड़ी की जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

दूसरे प्रदेशों में फंसे विद्यार्थियों के अभिभावकों के अलावा राज्य के छात्र संगठन भी इस मुद्दे को लेकर मुखर हैं और राज्य सरकार से फंसे हुए विद्यार्थियों को जल्द से जल्द प्रदेश तक लाने की मांग कर रहे हैं, हालांकि कुछ हद तक ट्रेनों की परिचालन से यह समस्या अब धीरे-धीरे कम जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में इन विद्यार्थियों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
घर जाते स्टूडेंट्स

लॉकडाउन में लाखों लोग हुए प्रभावित

पूरे देश में 24 मार्च को कोरोना वायरस को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसके आदेश जारी किए और इस निर्णय के साथ ही देश के इतिहास में पहली बार रेलवे का पहिया थम गया, साथ ही साथ लगभग हर क्षेत्र का काम रुक गया, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए. लॉकडाउन के कारण लोग जहां-तहां फंस गए.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
दूसरे प्रदेशों में फंसे स्टूडेंट्स

विद्यार्थियों पर पड़ा लॉकडाउन का असर

झारखंड के विद्यार्थी भी देश के अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जाते हैं. हर साल झारखंड से लाखों बच्चे अन्य राज्यों की ओर रुख करते हैं और हॉस्टलों में पीजी में रहकर पढ़ाई करते हैं. जब अचानक देश में लॉकडाउन लागू हो गया. तब इन विद्यार्थियों पर भी इसका धीरे-धीरे प्रभाव पड़ना शुरू हो गया. इन विद्यार्थियों पर लॉकडाउन के पहले चरण में तो ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन 21 दिनों के बाद इसका पूरा असर देखने को मिला. जब मजदूर देश के विभिन्न राज्यों से अपने प्रदेश के लिए पलायन कर रहे थे. उस समय हॉस्टल और पीजी में इन विद्यार्थियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. मां-बाप से दूर यह विद्यार्थी लगातार अपने प्रदेश लौटने को लेकर विभिन्न राज्य सरकारों से सहायता मांग रहे थे, लेकिन इनके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की जा रही थी. यूपी सरकार ने कदम बढ़ाते हुए कोटा से अपने राज्य के हजारों बच्चों को जरूर ले आया. इस लॉकडाउन में झारखंड के भी लाखों बच्चे अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, जिसमें ओडिशा के विशाखापत्तनम के चैतन्या हॉस्टल में 100 से अधिक छात्र फंसे हैं, वहीं मुंबई में भी 190 इंजीनियरिंग के छात्र फंसे हुए हैं, जो लगातार सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं.

इसे भी पढे़ं:- हिंदपीढ़ी के रक्षक की दर्द भरी दास्तान, घर-बार छोड़कर कर रहे थे ड्यूटी, लोगों ने किया घायल

कई राज्यों में फंसे झारखंड के स्टूडेंट्स

झारखंड सरकार ने भी दूसरे राज्यों में फंसे विद्यार्थियों को लाने के लिए कदम आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के कोटा से ट्रेनों के जरिए लगभग तीन हजार बच्चों को झारखंड के विभिन्न जिलों में जरूर पहुंचाया है, लेकिन अभी भी कई ऐसे विद्यार्थी हैं जो चेन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता, बेंगलुरु, दिल्ली, विशाखापट्टनम, मुंबई जैसे शहरों में फंसे हुए हैं. इन सभी शहरों में यह बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट जैसे उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए गए थे. इन विद्यार्थियों को हॉस्टल और पीजी संचालकों ने कमरे खाली करने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं दिया. खाने पीने के लिए इन विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का आए दिन सामना करना पड़ रहा है. अभी भी हजारों छात्र ऐसे शहरों में फंसे हुए हैं.

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स्टूडेंड्स परेशान

मेस में विद्यार्थियों को खाने की सुविधा नहीं

हॉस्टल और पीजी में फंसे विद्यार्थियों को मेस में खाने को लेकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र संगठन भी दूसरे प्रदेशों में फंसे विद्यार्थियों को लाने के लिए राज्य सरकारों से लगातार गुहार लगा रहे हैं. इन विद्यार्थियों को प्रदेश तक लाने के लिए पेरेंट्स के अलावा विभिन्न छात्र संगठन लगातार सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे ट्रेन कुछ विद्यार्थी अपने प्रदेश लौट रहे हैं, लेकिन अभी भी समस्याएं कम नहीं हुई है.

रांची: पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. ऐसे में कई हजारों मजदूर और स्टूडेंट्स जहां-तहां फंसे हुए हैं. झारखंड के भी हजारों स्टूडेंट्स अब भी अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्टूडेंट्स को हॉस्टल और पीजी प्रबंधकों की ओर से भी कई तरह की समस्याएं खड़ी की जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

दूसरे प्रदेशों में फंसे विद्यार्थियों के अभिभावकों के अलावा राज्य के छात्र संगठन भी इस मुद्दे को लेकर मुखर हैं और राज्य सरकार से फंसे हुए विद्यार्थियों को जल्द से जल्द प्रदेश तक लाने की मांग कर रहे हैं, हालांकि कुछ हद तक ट्रेनों की परिचालन से यह समस्या अब धीरे-धीरे कम जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में इन विद्यार्थियों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
घर जाते स्टूडेंट्स

लॉकडाउन में लाखों लोग हुए प्रभावित

पूरे देश में 24 मार्च को कोरोना वायरस को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसके आदेश जारी किए और इस निर्णय के साथ ही देश के इतिहास में पहली बार रेलवे का पहिया थम गया, साथ ही साथ लगभग हर क्षेत्र का काम रुक गया, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए. लॉकडाउन के कारण लोग जहां-तहां फंस गए.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
दूसरे प्रदेशों में फंसे स्टूडेंट्स

विद्यार्थियों पर पड़ा लॉकडाउन का असर

झारखंड के विद्यार्थी भी देश के अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जाते हैं. हर साल झारखंड से लाखों बच्चे अन्य राज्यों की ओर रुख करते हैं और हॉस्टलों में पीजी में रहकर पढ़ाई करते हैं. जब अचानक देश में लॉकडाउन लागू हो गया. तब इन विद्यार्थियों पर भी इसका धीरे-धीरे प्रभाव पड़ना शुरू हो गया. इन विद्यार्थियों पर लॉकडाउन के पहले चरण में तो ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन 21 दिनों के बाद इसका पूरा असर देखने को मिला. जब मजदूर देश के विभिन्न राज्यों से अपने प्रदेश के लिए पलायन कर रहे थे. उस समय हॉस्टल और पीजी में इन विद्यार्थियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. मां-बाप से दूर यह विद्यार्थी लगातार अपने प्रदेश लौटने को लेकर विभिन्न राज्य सरकारों से सहायता मांग रहे थे, लेकिन इनके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की जा रही थी. यूपी सरकार ने कदम बढ़ाते हुए कोटा से अपने राज्य के हजारों बच्चों को जरूर ले आया. इस लॉकडाउन में झारखंड के भी लाखों बच्चे अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, जिसमें ओडिशा के विशाखापत्तनम के चैतन्या हॉस्टल में 100 से अधिक छात्र फंसे हैं, वहीं मुंबई में भी 190 इंजीनियरिंग के छात्र फंसे हुए हैं, जो लगातार सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं.

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कई राज्यों में फंसे झारखंड के स्टूडेंट्स

झारखंड सरकार ने भी दूसरे राज्यों में फंसे विद्यार्थियों को लाने के लिए कदम आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के कोटा से ट्रेनों के जरिए लगभग तीन हजार बच्चों को झारखंड के विभिन्न जिलों में जरूर पहुंचाया है, लेकिन अभी भी कई ऐसे विद्यार्थी हैं जो चेन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता, बेंगलुरु, दिल्ली, विशाखापट्टनम, मुंबई जैसे शहरों में फंसे हुए हैं. इन सभी शहरों में यह बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट जैसे उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए गए थे. इन विद्यार्थियों को हॉस्टल और पीजी संचालकों ने कमरे खाली करने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं दिया. खाने पीने के लिए इन विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का आए दिन सामना करना पड़ रहा है. अभी भी हजारों छात्र ऐसे शहरों में फंसे हुए हैं.

Students of Jharkhand are still stuck in other states
स्टूडेंड्स परेशान

मेस में विद्यार्थियों को खाने की सुविधा नहीं

हॉस्टल और पीजी में फंसे विद्यार्थियों को मेस में खाने को लेकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र संगठन भी दूसरे प्रदेशों में फंसे विद्यार्थियों को लाने के लिए राज्य सरकारों से लगातार गुहार लगा रहे हैं. इन विद्यार्थियों को प्रदेश तक लाने के लिए पेरेंट्स के अलावा विभिन्न छात्र संगठन लगातार सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे ट्रेन कुछ विद्यार्थी अपने प्रदेश लौट रहे हैं, लेकिन अभी भी समस्याएं कम नहीं हुई है.

Last Updated : May 21, 2020, 9:54 AM IST
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