रांची: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार सुरक्षा की बात कही जा रही है. कहा यह भी जा रहा है कि यह तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. इसके बावजूद झारखंड में सीनियर बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं और स्कूल खुलने के एक हफ्ते बाद ही बच्चे कोरोना से संक्रमित होने लगे हैं. मामला है मारवाड़ी स्कूल का, जहां फिलहाल स्कूल को बंद कर दिया गया है.
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बताते चलें कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑनलॉक के तहत कई क्षेत्रों में छूट दी है. इसी कड़ी में एक बार फिर सीनियर बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. इस निर्देश के तहत 6 अगस्त से राज्य के 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिया गया है. वहीं विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाएं भी शुरू हो गई है. लेकिन स्कूल खुलने के एक हफ्ते बाद ही बच्चे कोरोना संक्रमित होने शुरू हो गए हैं. मारवाड़ी स्कूल के 3 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. सभी विद्यार्थी नौवीं के छात्र हैं.
शुक्रवार को स्कूल में इनकी एंटीजन जांच हुई जिनका रिपोर्ट आ चुका है. करीब 100 बच्चों की जांच में तीन बच्चे संक्रमित पाए गए हैं. स्कूल के प्राचार्य ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लगातार स्कूल में भी बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है. इसी के तहत जांच में 3 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. स्कूल के प्राचार्य आशीष कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि तीन बच्चे पॉजिटिव मिले हैं. स्कूल खोलने या बंद रखने का निर्णय प्रशासन के आदेश के बाद लिया जाएगा. हालांकि तमाम बच्चों को व्हाट्सएप के जरिए संपर्क साध कर होम आइसोलेशन का निर्देश दिया गया है.
सेनेटाइजेशन का काम शुरू
फिलहाल स्कूल प्रबंधन की ओर से अपने स्तर पर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया है. युद्ध स्तर पर सेनेटाइजेशन का काम 2 दिनों तक चलेगा. उसके बाद जिला प्रशासन के साथ बातचीत करने के बाद ही स्कूल खोले जाने पर निर्णय लिया जाएगा. सरकार के निर्देश के बाद तमाम प्लस टू, हाई स्कूल और कॉलेजों में भी चहल-पहल देखी जा रही है और ऐसे में तीसरी लहर को लेकर संभावनाओं का कयास भी लगाया जा रहा है. अभी भी तमाम लोगों कोरोना को लेकर जारी प्रोटोकॉल का ध्यान रखना होगा. सरकार के निर्देश के बाद स्कूल रिओपन को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह देखा जा रहा था. लेकिन एक बार फिर स्कूलों में कोरोना का संक्रमण पाए जाने के बाद अभिभावकों में भी भय का माहौल व्याप्त हो गया है. एक बार फिर स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने की संभावना जताई जा रही है.