रांचीः शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन झारखंड विधानसभा की कार्यवाही बेहद ही हंगामेदार रही. सदन की कार्यवाही के शुरू होने से पहले ही विपक्ष के तेवर से अंदाजा लग गया था कि सदन में सरकार पर दबाव बनाने में विपक्ष कोई भी कसर नहीं छोड़ेगा, हुआ भी वही. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. 12:30 बजे एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सदन में मौजूद रहे, मगर विपक्ष ईडी की नोटिस और कांग्रेस सांसद धीरज साहू प्रकरण पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए वेल में आकर हंगामा मचाता रहा. हालांकि इस दौरान सरकार चालू वित्तीय वर्ष के द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करने में सफल रही. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 811.75 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में पेश किया. विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर रवींद्रनाथ महतो माहौल को शांत करने का आग्रह करते रहे मगर वह सफल नहीं हुए. अंत में सदन की कार्यवाही मंगलवार 19 दिसंबर 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
अनुपूरक बजट सहित कई मुद्दों पर चलते रहे बयानों के तीरः सदन के बाहर अनुपूरक बजट सहित कई मुद्दों पर बयानों का तीर चलता रहा. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते दिखे. चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट लाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि एक बार फिर सरकार जनता को धोखा देने में जुटी है. वहीं सदन में भाजपा विधायकों के द्वारा हंगामा मचाए जाने की निंदा करते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जिस भाजपा के पूर्ववर्ती अध्यक्ष रिश्वत लेते पकड़े गए थे उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है.
भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने सदन के अंदर स्पीकर की भूमिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस तरह से धमकी भरे लहजे में आसन के द्वारा सदस्यों को चेताया जा रहा है वह उचित नहीं है. इधर विपक्ष के हमले का बचाव करने में सत्ता पक्ष के मंत्री जुट गए. मंत्री चंपई सोरेन ने पलटवार करते हुए कहा कि अनुपूरक बजट पर विपक्ष जो सवाल उठा रहा है वह अनुचित है, सब कोई जानता है कि मूल बजट के साथ हर वित्तीय वर्ष में दो अनुपूरक पूरक बजट लाने की परंपरा है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट को संवैधानिक व्यवस्था के तहत बताते हुए विपक्ष को चुनौती दी कि यदि किसी तरह की गड़बड़ी है तो उसकी जांच करने के लिए वह तैयार हैं. बहरहाल आरोप प्रत्यारोप के बीच शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार यानी 18 दिसंबर को सदन की कार्यवाही महज 1 घंटे भी नहीं चली.
ये भी पढ़ेंः
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र का दूसरा दिनः सदन में 8111.75 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश
झारखंड विधानसभा घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक, पुलिस की दबिश से रुकने को हुए मजबूर