रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर स्टार प्रचारकों का प्रदेश दौरा लगातार जारी है. वोटरों को लुभाने के लिए सभी पार्टियां लगातार अपने-अपने स्टार प्रचारकों को बुलाकर जगह-जगह जनसभा का आयोजन करी हैं. स्टार प्रचारकों से मतदाताओं को लुभाने के इस दौर में एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजनीतिक दल के पास इनकी लंबी सूची है, वहीं क्षेत्रीय राजनीतिक दल अपने-अपने नेताओं के भरोसे चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
कौन हैं बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक
स्टार प्रचारकों की सूची में बात करें तो बीजेपी के स्टार प्रचारकों के लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू तक के नाम शामिल हैं. इतना ही नहीं कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी जिन्होंने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की वह भी बीजेपी की स्टार प्रचारक के लिस्ट में हैं. वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्टार प्रचारकों की सूची में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई नेताओं के नाम शामिल हैं. सूची को बैलेंस करते हुए कांग्रेस ने एक तरफ जहां जेपीसीसी अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को शामिल किया है, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और रांची के पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय समेत राज्य स्तर के कई नेता भी लिस्ट में मौजूद हैं.
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अपने नेताओं के भरोसे क्षेत्रीय दल
क्षेत्रीय दलों की अगर बात करें तो जेएमएम, जेवीएम और आजसू अपने-अपने नेताओं के भरोसे चुनाव प्रचार कर रहे हैं. एक तरफ जेवीएम की पूरी कमान पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने संभाल रखी है, वहीं जेएमएम अपने कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के भरोसे चुनावी रणनीति बना रहा है. जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं तो वहीं हेमंत सोरेन भी अपने चुनावी कार्यक्रम में लगातार व्यस्त हैं. इन दोनों दलों के स्टार प्रचारकों में स्थानीय नेताओं का ही नाम शामिल है. वहीं लंबे समय तक सत्ता में बीजेपी के साथ रही आजसू पार्टी भी अपने दमखम पर चुनाव प्रचार कर रही है. पार्टी की मानें तो उसे किसी स्टार प्रचारक की जरूरत नहीं क्योंकि पार्टी का हर कार्यकर्ता खुद ही स्टार प्रचारक है.
क्या तर्क देते हैं राजनीतिक दलों के नेता
आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत का स्टार प्रचारकों को लेकर कहना है कि यहां के गरीब लोक पिक्चर नहीं देख पाते हैं. ऐसे में मुंबई और दिल्ली से लोगों को लाकर राजनीतिक दल यहां की बात उनके मुंह से करवाते हैं, उन्होंने कहा कि बाहर का आदमी आपके घर में बात बताएं तो विचित्र लगता है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में आजसू अपने आप में स्टार हैं और उसे किसी स्टार प्रचारक की जरूरत नहीं है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि स्टार प्रचारकों को चुनाव मे लाना एक पॉलीटिकल स्ट्रेटजी होती है, इसी वजह से उन्हें चुनावी समर में उतारा जाता है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे का कहना है कि जिस तरह बैनर पोस्टर झंडे चुनाव के कंपोनेंट हैं, उसी तरह स्टार प्रचारक भी इलेक्शन के लिए जरूरी होते हैं.