रांची: मानसून की पहली बारिश में ही होटवार स्थित एथलेटिक्स स्टेडियम की दीवार जमींदोज हो गई थी. मामले को राज्य सरकार के खेल विभाग ने संज्ञान में लिया है. इसके साथ ही पूरे मामले की जांच करने के लिए खेल निदेशक बुधवार को स्टेडियम पहुंचे.
34वें नेशनल गेम्स के लिए झारखंड के रांची में बना अंतरराष्ट्रीय स्तर का एथलेटिक्स स्टेडियम का अस्तित्व संकट में है. मानसून की पहली बारिश यानी 15 जून को हुई बारिश में राजधानी रांची के होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के मुख्य स्टेडियम की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी. दीवार जमींदोज मामले की जांच करने खेलकूद युवा कार्य विभाग के सचिव पूजा सिंघल के निर्देश पर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने इस पूरे मामले की जांच भी की. खेल निदेशालय के अनुसार जांच में पाया गया है कि टावर नंबर 1 से 4 के बीच में कुल 810 फीट रेलिंग 15 जून के बारिश में गिर गई है. जांच के क्रम में यह भी पाया गया है कि पानी निकासी जिस बैग से होनी थी वह नहीं हुई है.
सीसीएल नहीं कर रहा सही मेंटेनेंस
इसकी रखरखाव की जिम्मेदारी एमओयू के अनुसार जेएसएसपीएस की थी, लेकिन जेएसएसपीएस यानी सीसीएल की ओर से सही तरीके से मेंटेनेंस नहीं किया गया है. इस वजह से पहली बारिश में ही यह दीवार जमींदोज हो गई. बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम के गैलरी के बीच एक्सटेंशन स्पेस को निर्माण के समय केमिकल से किया गया था, जो समय के साथ समाप्त हो गया है और उसकी भी रख-रखाव सही से नहीं होने के कारण डोरमेट्री में पानी का रिसाव हो रहा है.
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स्टेडियम के छत से होता है पानी का रिसाव
इसी तरह शूटिंग रेंज स्टेडियम और सेंड प्रैक्टिस ग्राउंड जिम कमरे के छत से पानी की निकासी की व्यवस्था का रखरखाव समुचित ढंग से नहीं होने के कारण इन स्टेडियम की भी क्षति हो रही है. खेल विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सरकार की और से 26.72 करोड़ रुपए हिस्सेदारी उपलब्ध कराई गई है. साल 2015 में सीसीएल के साथ हुए एमओयू के अनुसार खेल गांव स्थित सभी स्टेडियम की रखरखाव की जिम्मेदारी जेएसएसपीएस की है, लेकिन लगातार इस और उदासीनता बरती जा रही है. मामले को लेकर राज्य सरकार के खेल विभाग ने संज्ञान लिया है.