रांचीः विश्व जल दिवस के मौके पर रांची विश्वविद्यालय की ओर से जल संरक्षण विषय को लेकर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया. इस मौके पर कई विशेषज्ञ और गणमान्य शामिल हुए. मौके पर भूगर्भ शास्त्री नीतीश प्रियदर्शी मौजूद रहे. इस दौरान कई मामलों को लेकर चर्चा की गई. झारखंड में पीने योग्य जल की कमी पर चिंता भी जताई गई.
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जल संरक्षण पर जोर
रांची विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण पर जोर दिया गया. मौके पर विभागीय अध्यक्ष ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि होने के कारण जल की उपलब्धता घटी है. पीने के लायक पानी सीमित हो गया है और उस उपलब्धता को बनाए रखना यह एक बड़ी चुनौती है. गुणवत्ता के साथ पीने का पानी उपलब्ध है कि नहीं यह देखना भी जरूरी है. इसकी व्यवस्था कैसे हो इसके लिए बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता है.
झारखंड के जल स्तर पर चिंता
भूगर्भ शास्त्री नीतिश प्रियदर्शी ने कहा कि झारखंड में पिछले 5 वर्षों में पेयजल की समस्या बढ़ी है और संरक्षण की दिशा में कोई बेहतर काम नहीं किए जा रहे हैं. लगातार निर्देश जारी किए जाते हैं. वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर चर्चाएं होती हैं, लेकिन जो काम होना चाहिए इस दिशा में पहल नहीं की जा रही है, यह एक चिंता का विषय है. इस मौके पर और भी कई वक्ताओं ने जल संरक्षण को लेकर विशेष रूप से अपना अपना मंतव्य दिया है.