रांची: झारखंड में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोह जब तक नेस्तनाबूद नहीं हो जाते हैं तब तक उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, इस करवाई में एटीएस भी पुलिस के साथ काम करेगी. झारखंड के डीजीपी अजय सिंह और डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ चल रही कार्रवाई की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बुधवार को भी पुलिस मुख्यालय में प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर डीजीपी ने गैंग्स के खिलाफ चल रही कार्रवाई की समीक्षा की.
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बड़ा अभियान शुरू: झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोह और उनसे प्रभावित जिलों को लेकर सीआईडी और एटीएस ने एक साथ अभियान शुरू किया है. बुधवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अजय कुमार सिंह ने सीआईडी, एटीएस और संगठित आपराधिक गिरोहों से सर्वाधिक प्रभावित जिलों रांची, धनबाद, रामगढ़, जमशेदपुर, बोकारो, पलामू के एसपी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया कि वह एटीएस के साथ मिलकर संगठित आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसें.
सभी गिरोह रडार पर: आईजी अभियान ने बताया कि राज्य के सभी प्रभावित जिलों में बीते दशकों से सक्रिय आपराधिक गिरोह, उनके सदस्यों के साथ साथ नए आपराधिक गिरोहों की सक्रियता रोकने का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत सभी जिले में प्रत्येक गिरोह के सदस्यों की पहचान की जा रही है. गिरोह में शामिल लोगों का पूरा व्यक्तिगत विवरण, उनके द्वारा अर्जित संपत्ति, उनके परिवार के संपत्ति की जांच पुलिस ने शुरू की है. सीआईडी में भी पुराने सारे रिकार्ड को अपडेट किया जा रहा है ताकि नए अपराधियों पर भी पूरी मॉनिटरिंग हो सके.
शातिर अपराधियों के जमानतदार भी होंगे चिन्हित: बैठक के दौरान डीजीपी अजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अपराधिक गिरोह के सदस्यों के जमानतदारों को चिन्हित करें, यदि कोई जमानतदार फर्जी पाया जाता है तो संबंधित मामले में अलग से एफआईआर दर्ज की जाए साथ ही आपराधिक गिरोह के वैसे सदस्य जो जेल से बाहर हैं, उनके गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए. जरूरत हो तो थाना हाजिरी, जिलाबदर की कार्रवाई भी वैसे अपराधियों के खिलाफ की जाए. बैठक में सीआईडी आईजी असीम विक्रांत मिंज, एसपी कार्तिक एस, एटीएस एसपी सुरेंद्र कुमार झा समेत मुख्यालय के अन्य अधिकारी शामिल थे.