रांची: राजधानी में अब तक की हुई सबसे बड़ी 12.25 करोड़ के गहनों की चोरी का मामला पिछले सात साल से पुलिस की फाइलों में दफन है. पिछले सात साल से यह मामला कोई भी अनुसंधानकर्ता पूरा नहीं करना चाहता. सिटी एसपी सौरभ ने केस की समीक्षा की और अनुसंधानकर्ता को जल्द निष्पादन का आदेश दिया है. साथ ही कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल को निर्देश दिया गया है कि मामले की सुपर विजन भी अनुसंधानकर्ता को जल्द दें, ताकि केस का डिस्पोजल किया जा सके. इस केस के अलावा कांग्रेस के पूर्व दो मंत्रियों के बीच एक-दूसरे पर जानलेवा हमला करने के मामले की जांच का भी आदेश दिया गया है.
अगस्त महीने में पूर्व थानेदार ने लौटाई थी फाइल
हिंदपीढ़ी के पूर्व थानेदार दीपक कुमार पिछले ढाई साल से केस का चार्ज किसी को नहीं दे रहे थे, फाइल भी अपने पास रखी है. पुलिस के वरीय अधिकारियों से फटकार मिलने के बाद अगस्त 2020 में पलामू में पदस्थापित इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने केस का चार्ज वर्तमान हिंदपीढ़ी थानेदार इंस्पेक्टर ज्ञानरंजन को दिया है. इसके साथ ही कोतवाली में पोस्टेड अब तक के किसी भी डीएसपी से इस चर्चित मामले का अब तक स्पष्ट सुपरविजन का आदेश नहीं दिया जा रहा है, जो शक पैदा करता है.
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वर्ष 2013 के हैं दोनों चर्चित मामले
पहला मामला वर्ष 2013 में कांग्रेस भवन में कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री मन्नान मलिक और स्वर्गीय राजेंद्र सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस ऑफिस पहुंचे थे. इसी बीच दोनों नेताओं के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई और जमकर बवाल हुआ था. दोनों के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए थे और एक-दूसरे पर जानलेवा हमला कर दिया था. एक घंटे तक कांग्रेस ऑफिस और बीच रोड में बवाल होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी और मामले को शांत कराया था. इस मामले में पुलिस का कहना है कि स्वर्गीय राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि दोनों पक्ष के बीच समझौता हो गया है. हालांकि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार समझौता से संबंधित कोई भी दस्तावेज पुलिस के पास नहीं है.
आनंद ज्वेलर्स में सबसे बड़ी चोरी
दूसरा केस भी वर्ष 2013 के अक्टूबर माह का है, जिसमें जिले के मेन रोड स्थित आनंद ज्वेलर्स में सबसे बड़ी 12.25 करोड़ रुपए के गहनों की चोरी हुई थी. हालांकि पुलिस ने कुछ दिनों के बाद साढ़े 11 लाख रुपए के जेवरात आनंद ज्वेलर्स दुकान की छत पर स्थित पानी टंकी से बरामद कर लिया था, पुलिस अब तक इस बात का खुलासा नहीं कर पाई है कि चोरी की घटना को अंजाम किसने दिया था. शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला था कि इंश्योरेंस के खेल में इस घटना को अंजाम दिया जा सकता है. हालांकि अभी तक पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है.