रांची: शादी का झांसा देकर लगातार यौन शोषण करने के आरोप में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के पूर्व डीन डॉ. एमएस यादव के बेटे अभिनंदन को अदालत ने दोषी ठहराया है. अपर न्यायायुक्त केएम प्रसाद की कोर्ट ने अभिनंदन को 14 साल सश्रम कैद की सजा सुनायी है, साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर अभियुक्त को छह महीने अतिरिक्त साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी.
आरोपी अभिनंदन के घर ट्यूशन पढ़ने जाती थी पीड़िता
अभिनंदन के खिलाफ पीड़ित युवती ने 13 मार्च 2015 को कांके थाना कांड संख्या 25/2015 दर्ज की गई थी. घटना के संबंध में बताया जाता है कि पीड़िता अभिनंदन की मां अर्चना सिंह से ट्यूशन पढ़ने उसके घर जाती थी. अर्चना के बेटा और बेटी घर से बाहर रहकर पढ़ाई करते थे. कुछ दिनों के बाद अर्चना का बेटा अभिनंदन घर लौटा. एक दिन अभिनंदन ने पीड़िता के कॉपी में लिख दिया कि कुछ डाउट हो तो पूछ लेना और अपना मोबाइल नंबर भी लिख दिया.
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नाबालिग कहकर टाल दी शादी
एक दिन अर्चना कहीं बाहर गयी हुई थी और घर में कोई नहीं था. पीड़िता घर में शिक्षिका अर्चना के नहीं रहने पर अपने घर वापस लौट रही थी. उसी दौरान अभिनंदन ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया. अभिनंदन के घर वालों को जब इसकी जानकारी हुई तो अभिनंदन के पिता ने पीड़िता से उसका उम्र पूछा और कहा कि अभी वह नाबालिग है. इसलिए शादी नहीं हो सकती है.
डॉक्टरी की पढ़ाई की सलाह
पीड़िता के व्यस्क होने पर जब उसने शादी का दबाव बनाया तो अभिनंदन ने उसे डॉक्टरी की पढ़ाई करने की सलाह दी. बाद में जब युवती देहरादून पढ़ने गयी तो वहां भी उसके साथ शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया. अभिनंदन की शादी दूसरी लड़की से होने की सूचना मिलने के बाद पीड़िता ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.