रांचीः झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर कैसे हो इसपर सरकार काम करती रही है. इसी कड़ी में भारत सरकार और राज्य सरकार की फ्लैगशिप स्वास्थ्य योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर देने की योजना बनाई है. जिससे राज्य भर के 1 हजार 600 के करीब CHO डॉक्टर्स और मरीज के बीच में एक कड़ी का काम करें और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके. इसके लिए रांची में वर्कशॉप चल रहा है.
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इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मुख्यालय नामकुम में हर जिला से 20-20 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को रांची बुलाया गया है. यहां उन्हें परिवार नियोजन, HIV AIDS कंट्रोल कार्यक्रम, रूटीन टीकाकरण, स्कूल-कॉलेज मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, टेलीमेडिसीन की ई-संजीवनी कार्यक्रम सहित अलग अलग तरह की 18 स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जा रही है. प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अपने अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नोडल अधिकारी के रूप में काम करें. इसके लिए स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी के साथ साथ सभी इनके स्किल डेवलपमेंट के लिए इंटरनल कोर्स भी कराया जाएगा ताकि इनका कैपेसिटी बिल्डिंग हो सके.
गुरुवार की इस कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के झारखंड हेड भुवनेश प्रताप सिंह, स्टेट नोडल आयुष राजीव कुमार, हेल्थ एंड वेलनेस के स्टेट नोडल डॉ. एसके चौधरी, अपर निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज, डॉ. अंकित सहित राज्य के हर जिलों से आये 20-20 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. 24 जिलों से 20-20 की संख्या में आए सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी को अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेलीमेडिसीन कंसलटेंसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इस वर्कशॉप में साहिबगंज, हजारीबाग, बोकारो, पाकुड़, रांची जैसे जिलों में टेलीमेडिसीन कंसल्टिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सराहना की गई. वहीं पलामू, कोडरमा, चतरा, रामगढ़ जैसे जिलों के खराब प्रदर्शन को लेकर उन्हें बेहतर करने को कहा गया है.
झारखंड आयुष के नोडल अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी बेहतर बना सकते हैं. वो अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने का लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है. राजीव कुमार ने कहा कि वयोवृद्ध बीमार, लाचार, दिव्यांग का विशेष ख्याल CHO रखें. इसके निर्देश भी सभी उनको दिया और कहा कि वैसे लोगों को उनके घर तक जाकर सेवा दें. इसके अलावा प्रखंडों में एनीमिया, ओरल कैंसर सहित हर बीमारी में जनस्वास्थ्य कैसे बेहतर हो यही मुख्य कार्य CHO का है. इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्य लक्ष्य यह है कि हम अपनी दिनचर्या में ऐसा क्या कुछ कर सकते हैं जिससे स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं बेहतर हो सके.