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सीआईडी के रडार पर फर्जी दस्तावेज से निकाले गए सिम, सभी जिलों के एसपी से मांगी जानकारी - Sim from fake document

झारखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम (Sim from fake document ) खरीद साइबर अपराध किए जाने की खबर पर सीआईडी चौकन्नी हो गई है. सीआईडी इस पर नकेल कसने की तैयारी में है.

Sim from fake document on radar of Jharkhand CID
सीआईडी के रडार पर फर्जी दस्तावेज से निकाले गए सिम
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Published : Nov 7, 2021, 4:55 PM IST

रांची: राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम खरीद (Sim from fake document ) कर साइबर अपराध की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. इसका खुलासा साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद हुआ है. इसके बाद अब सीआईडी सक्रिय हुई है और सीआईडी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी सिम और इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई कराने की तैयारी करा रही है. ताकि अपराधियों पर नकेल कसा जा सके.


ये भी पढ़ें-हजारीबाग में 6 साइबर ठग गिरफ्तार, एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों को बना रहे थे शिकार

सभी जिलों के एसपी से मांगे गए आंकड़े

सीआईडी मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी से साल 2020 से अबतक ऐसे मामलों में दर्ज केस, थाने के नाम, कांड संख्या, अभियुक्तों की जानकारी, फर्जी सिम का मोबाइल नंबर, धारक के नाम, पता का विवरण व मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की डिटेल मांगी है. सारी जानकारी मिलने के बाद सीआईडी इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेगी.


सीआईडी के मुताबिक साइबर ठगी करने वाले पुख्ता तैयारी करते हैं, जिस नंबर से फोन किया जाता है वह गैंग की ओर से तैयार किए गए फर्जी आईडी पर पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों खरीदा गया होता है. इसलिए नंबर ट्रेस होने के बाद भी कोई आरोपी पकड़ में नहीं आता है. ये साइबर अपराधी सुदूर इलाके में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर कॉल करते हैं. जिन बैंक खाते में पैसा मंगाया जाता है, वह भी फर्जी नाम और पते पर हरियाणा व अन्य राज्यों में खोला जाता है. पैसा खाते में आते ही उसे निकाल लिया जाता है.

मृतकों या ग्रामीणों के नाम पर सिम

राज्य पुलिस में साइबर अपराध के अधिकांश मामलों में प्रयुक्त सिम कार्ड को गलत तरीके से सिम प्रोवाइडर कंपनियों से जारी कराया जाता है. जांच में यह तथ्य भी आया है कि जामताड़ा, देवघर समेत कई जिलों में साइबर अपराधी अधिकांश सिमकार्ड किसी मृत या दूर इलाके में रहने वाले ग्रामीण के नाम पर इश्यू करा लेते है. अधिकांश मामलों में गलत दस्तावेज पर सिम जारी कराए गए हैं.

क्या उपाय निकाल रही पुलिस

राज्य पुलिस द्वारा यह उपाय निकाला जा रहा है कि पुलिस अब सिम गायब होने का सन्हा सिर्फ न दर्ज करे, बल्कि मोबाइल चोरी व उसके साथ सिम लगे होने के मामले दर्ज किए जाएं, ताकि सिम गायब होने की फर्जी शिकायत कर कोई दोबारा उसी सिम कार्ड से आपराधिक वारदात को अंजाम न दे.

रांची: राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम खरीद (Sim from fake document ) कर साइबर अपराध की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. इसका खुलासा साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद हुआ है. इसके बाद अब सीआईडी सक्रिय हुई है और सीआईडी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी सिम और इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई कराने की तैयारी करा रही है. ताकि अपराधियों पर नकेल कसा जा सके.


ये भी पढ़ें-हजारीबाग में 6 साइबर ठग गिरफ्तार, एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों को बना रहे थे शिकार

सभी जिलों के एसपी से मांगे गए आंकड़े

सीआईडी मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी से साल 2020 से अबतक ऐसे मामलों में दर्ज केस, थाने के नाम, कांड संख्या, अभियुक्तों की जानकारी, फर्जी सिम का मोबाइल नंबर, धारक के नाम, पता का विवरण व मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की डिटेल मांगी है. सारी जानकारी मिलने के बाद सीआईडी इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेगी.


सीआईडी के मुताबिक साइबर ठगी करने वाले पुख्ता तैयारी करते हैं, जिस नंबर से फोन किया जाता है वह गैंग की ओर से तैयार किए गए फर्जी आईडी पर पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों खरीदा गया होता है. इसलिए नंबर ट्रेस होने के बाद भी कोई आरोपी पकड़ में नहीं आता है. ये साइबर अपराधी सुदूर इलाके में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर कॉल करते हैं. जिन बैंक खाते में पैसा मंगाया जाता है, वह भी फर्जी नाम और पते पर हरियाणा व अन्य राज्यों में खोला जाता है. पैसा खाते में आते ही उसे निकाल लिया जाता है.

मृतकों या ग्रामीणों के नाम पर सिम

राज्य पुलिस में साइबर अपराध के अधिकांश मामलों में प्रयुक्त सिम कार्ड को गलत तरीके से सिम प्रोवाइडर कंपनियों से जारी कराया जाता है. जांच में यह तथ्य भी आया है कि जामताड़ा, देवघर समेत कई जिलों में साइबर अपराधी अधिकांश सिमकार्ड किसी मृत या दूर इलाके में रहने वाले ग्रामीण के नाम पर इश्यू करा लेते है. अधिकांश मामलों में गलत दस्तावेज पर सिम जारी कराए गए हैं.

क्या उपाय निकाल रही पुलिस

राज्य पुलिस द्वारा यह उपाय निकाला जा रहा है कि पुलिस अब सिम गायब होने का सन्हा सिर्फ न दर्ज करे, बल्कि मोबाइल चोरी व उसके साथ सिम लगे होने के मामले दर्ज किए जाएं, ताकि सिम गायब होने की फर्जी शिकायत कर कोई दोबारा उसी सिम कार्ड से आपराधिक वारदात को अंजाम न दे.

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