रांची: राजधानी के मोरहाबादी मैदान में लगने वाली शहीद भगत सिंह की प्रतिमा महीनों से रांची पुलिस लाइन में पड़ी हुई है. लेकिन प्रशासन के रवैये के कारण इस प्रतिमा को स्थापित नहीं किया जा रहा है. लोग प्रतिमा को स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर 23 मार्च के पहले प्रतिमा नहीं लगाई गई तो वे आंदोलन करेंगे.
भारत की आजादी में अपना सर्वोच्च योगदान देने वाले शहीदे आजम भगत सिंह का शहादत दिवस 23 मार्च को है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस साल भी भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए जगह नहीं मिलेगी? क्या इस साल भी हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ जाने वाले वीर भगत सिंह की प्रतिमा पुलिस लाइन परिसर में कबाड़ गाड़ियों के बीच पड़ी रहेगी?
रातों रात हटाई गई थी प्रतिमा: सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों और भारत माता के वीर सपूतों के सम्मान में काम करने वाली संस्था राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव कहते हैं कि रांची नगर निगम ने दो बैठकों में मोरहाबादी मैदान में बापू वाटिका के उत्तर में एक प्रस्ताव पारित कर जगह दी. जहां राष्ट्रीय युवा शक्ति की ओर से 16 अप्रैल 2023 को भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित भी कर दी गई, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने भगत सिंह की प्रतिमा की ऊंचाई का हवाला देकर उसे रात के अंधेरे में मोरहाबादी मैदान से हटा दिया. वहां से इसे पुलिस लाइन परिसर में ले जाकर रख दिया गया. तभी से शहीदे आजम की प्रतिमा वहीं पड़ी हुई है.
उत्तम यादव ने कहा कि अगर नगर निगम ने हमें जो जगह दी है वह सही नहीं है, क्योंकि पास में ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा है और आसपास उससे ऊंची प्रतिमा नहीं होनी चाहिए. इसलिए जिला प्रशासन या नगर निगम को नई जगह चिह्नित कर हमें देनी चाहिए, ताकि अमर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा वहां सम्मानपूर्वक स्थापित की जा सके.
आंदोलन की चेतावनी: राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष ने कहा कि रांची में भगत सिंह की प्रतिमा सम्मान के साथ स्थापित की जाए. अगर प्रशासन, सरकार या नगर निगम भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध नहीं कराता है तो गणतंत्र दिवस के बाद राष्ट्रीय युवा शक्ति के साथियों के साथ राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन शुरू किया जायेगा.
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