रांची: राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शुक्रवार को देर शाम मॉकड्रिल किया गया. इसमें झारखंड पुलिस की टीम के साथ-साथ सीआईएसएफ के जवान शामिल रहे. इस मॉकड्रिल के माध्यम से जवानों को बताया गया कि यदि असामाजिक या अपराधिक व्यक्ति के द्वारा एयरपोर्ट परिसर में बम प्लांट कर दिया जाता है तो उससे कैसे निपटना है. जवानों को बम डिफ्यूज करने की भी ट्रेनिंग दी गई.
जवानों ने किया अभ्यासः इस मॉकड्रिल को लेकर एयरपोर्ट के निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि जैसे ही एयरपोर्ट पर तैनात जवानों को यह सूचना मिली कि कार्गो के पास बम पाया गया है, वैसे ही एयरपोर्ट परिसर के सभी अधिकारी और सुरक्षाकर्मी अपने दल बल के साथ कार्गो पहुंचे और बम को डिफ्यूज करने में जुट गए. इस दौरान सीआईएसएफ और झारखंड पुलिस की टीम के साथ-साथ डॉग स्क्वायड ने बम को चिन्हित किया और उसके बाद बम स्क्वॉड बम को डिफ्यूज करने में जुट गई. कई घंटों की मशक्कत के बाद बम स्क्वायड को सफलता मिली और बम को डिफ्यूज किया गया. वहीं बम डिफ्यूज होने के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों और जवानों ने राहत की सांस ली.
एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीरः इस संबंध में एयरपोर्ट निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि भले ही यह मॉकड्रिल था, लेकिन उनकी टीम पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची थी और टीम ने ऐसे काम किया कि जैसे सच में एयरपोर्ट के कार्गो में किसी ने बम प्लांट कर दिया हो. उन्होंने कहा कि कोई भी शख्स यदि बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर गैर कानूनी काम करने की कोशिश करेगा तो उसे किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. इस तरह की ट्रेनिंग समय-समय पर जरूरी है, तभी एयरपोर्ट पर तैनात जवान खतरनाक से खतरनाक बम को भी डिफ्यूज करने में सक्षम हो पाएंगे.
समय-समय पर सीआईएसएफ जवानों को दी जाती है ट्रेनिंगः मॉकड्रिल सफल होने के बाद सीआईएसएफ के कमांडेंट मनीष कुमार ने बताया कि सीआईएसएफ के जवानों को समय-समय पर विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. क्योंकि सीआईएसएफ के जवानों के ऊपर देश के कई बड़े-बड़े संस्थानों की जिम्मेदारी होती है. यदि एयरपोर्ट जैसे जगह पर किसी भी तरह की चूक होती है तो इससे पूरे शहर और राज्य को नुकसान पहुंच सकता है.
एयरपोर्ट पर 24 घंटे चौकन्ना रहते हैं जवानः ट्रेनिंग में मौजूद एयरपोर्ट थाना प्रभारी आनंद कुमार बताते हैं कि किसी भी शहर के लिए एयरपोर्ट महत्वपूर्ण स्थान है. इसलिए यहां पर सुरक्षा को लेकर उनके जवान 24 घंटे चौकन्ना रहते हैं, जो आज के मॉकड्रिल में देखने को मिला.