रांची: झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने ऑनलाइन परीक्षा और शिक्षण प्रणाली पर सवाल खड़ा किये हैं. संघ की ओर से कहा गया है कि गर्मी छुट्टी के दौरान भी ऑनलाइन क्लासेस सरकारी स्कूल में संचालित हो रहे हैं, जो कहीं से भी सही नहीं है. संघ ने ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को खानापूर्ति बताया है. साथ ही बेवजह शिक्षकों को परेशान करने का आरोप राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर लगाया है.
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कोरोना ड्यूटी के साथ-साथ क्लास लेने का दबाव
गौरतलब है कि पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन प्रणाली पर ही टिकी हुई है. कोरोना महामारी को देखते हुए प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही आयोजित की जा रही है. ऐसे में संघ की माने तो कई शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी में लगा दिया गया है. वहीं ऑनलाइन कक्षा लेने को लेकर भी शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक पढ़ाई करवाए या कोरोना ड्यूटी करें. ये दुविधा का विषय है. लेकिन इस ओर विभागीय पदाधिकारियों का ध्यान नहीं है.
ऑनलाइन क्लासेस से वंचित ग्रामीण विद्यार्थी
संघ ने जानकारी देते हुए ये भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था पूरी नहीं हो रही है. ऐसे विद्यार्थियों के पास ना तो मोबाइल है और ना ही इंटरनेट कनेक्शन. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में पठन-पाठन तो हो रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन पठन-पाठन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था सफल साबित नहीं हो रही है. शिक्षा विभाग का कहना है कि स्टडी मैटेरियल व्हाट्सएप में भेजा जा रहा है. लेकिन जिसके पास मोबाइल और इंटरनेट है ही नहीं वैसे विद्यार्थी इन मैटेरियल का क्या करें.