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रांचीः DSPMU के सिंडिकेट की दूसरी बैठक, 74 एजेंडों पर लगी मुहर

डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के गठन के बाद दूसरी बार सिंडिकेट की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक सिंडिकेट के सदस्यों ने 74 एजेंडों पर अपनी मंजूरी दी.

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Published : Jul 1, 2019, 7:49 PM IST

रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय सिंडिकेट की दूसरी बैठक हुई. इसमें कुल 74 एजेंडे पर चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान की गई. बैठक में शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भुगतान के मुद्दे पर चर्चा के बाद मुहर लगी. वहीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, विश्वविद्यालय के व्यावसायिक वित्तीय बजट का अनुमोदन, विश्वविद्यालय के लिए नए चार्टर्ड अकाउंटेंट बहाल करने को लेकर भी स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके अलावा शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई.

DSPMU Meeting
पेड सीट प्रस्ताव रहा मुख्य एजेंडा इस बैठक के दौरान मुख्य एजेंडे के तौर पर पेड सीट प्रस्ताव को रखा गया, जिसमें घंटों चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. पेड सीट के जरिए अब ऐसे विद्यार्थी भी यहां एडमिशन ले पाएंगे जो अतिरिक्त राशि देकर सीट बुक करा सके और यहां अध्ययन कर सकें. इस तरह की व्यवस्था देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में होती है. हालांकि विश्वविद्यालय के इस निर्णय का विरोध छात्र संगठनों ने करना शुरू कर दिया है. छात्र संघ का तर्क है कि इस तरह की व्यवस्था की कोई जरूरत है ही नहीं. क्योंकि यहां गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ते हैं. ऐसे में पेड सीट के बजाए अतिरिक्त सामान्य सीट बढ़ाए जाने पर विश्वविद्यालय को विचार करने की जरूरत है.

रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय सिंडिकेट की दूसरी बैठक हुई. इसमें कुल 74 एजेंडे पर चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान की गई. बैठक में शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भुगतान के मुद्दे पर चर्चा के बाद मुहर लगी. वहीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, विश्वविद्यालय के व्यावसायिक वित्तीय बजट का अनुमोदन, विश्वविद्यालय के लिए नए चार्टर्ड अकाउंटेंट बहाल करने को लेकर भी स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके अलावा शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई.

DSPMU Meeting
पेड सीट प्रस्ताव रहा मुख्य एजेंडा इस बैठक के दौरान मुख्य एजेंडे के तौर पर पेड सीट प्रस्ताव को रखा गया, जिसमें घंटों चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. पेड सीट के जरिए अब ऐसे विद्यार्थी भी यहां एडमिशन ले पाएंगे जो अतिरिक्त राशि देकर सीट बुक करा सके और यहां अध्ययन कर सकें. इस तरह की व्यवस्था देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में होती है. हालांकि विश्वविद्यालय के इस निर्णय का विरोध छात्र संगठनों ने करना शुरू कर दिया है. छात्र संघ का तर्क है कि इस तरह की व्यवस्था की कोई जरूरत है ही नहीं. क्योंकि यहां गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ते हैं. ऐसे में पेड सीट के बजाए अतिरिक्त सामान्य सीट बढ़ाए जाने पर विश्वविद्यालय को विचार करने की जरूरत है.
Intro:रांची।

डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के गठन के बाद दूसरी बार सिंडिकेट की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक के दौरान सिंडिकेट के सदस्यों ने 74 एजोण्डों पर चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान की है. इसमें से पेड सीट को लेकर पारित किए गए मुद्दे पर विशेष चर्चा के बाद सहमति प्रदान की गई है. वहीं शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने को लेकर सहमति दी है .मौके पर कई अन्य मुद्दों पर भी फैसले लिए गए हैं .हालाकी छात्र संघ द्वारा विवि प्रशासन का पेड सीट निर्णय का विरोध किया गया है.


Body:डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय से अलग होकर लगातार विद्यार्थियों के बेहतरी के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में डीएसपीएमयू द्वारा सिंडिकेट की दूसरी बैठक आयोजित की गई. जिसमें कुल 74 एजेंडे पर चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान की गई .इस दौरान शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भुगतान के मुद्दे पर चर्चा के बाद मुहर लगा दिया गया. तो वही अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, विश्वविद्यालय के व्यवसायिक वित्तीय बजट का अनुमोदन ,विश्वविद्यालय के लिए नए चार्टर्ड अकाउंटेंट बहाल करने को लेकर भी स्वीकृति प्रदान की गई है .इसके अलावा शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की है .हालांकि इस दौरान मुख्य एजेंडे के तौर पर पेड सीट प्रस्ताव को रखा गया था, जिसमें घंटों चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी गई है .पेड सीट के जरिए अब ऐसे विद्यार्थी भी यहां एडमिशन ले पाएंगे जो अतिरिक्त राशि देकर सीट बुक करा सके और यहां अध्ययन कर सकें .इस तरह की व्यवस्था देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में होती है. हालांकि विश्वविद्यालय के इस निर्णय का विरोध छात्र संगठनों ने करना शुरू कर दिया है. छात्र संघ का तर्क है कि इस तरह की व्यवस्था का इस विश्वविद्यालय को कोई जरूरत है ही नहीं .क्योंकि यहां गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ते हैं .ऐसे में पेड सीट के बजाए अतिरिक्त सामान्य सीट बढ़ाए जाने पर विश्वविद्यालय को विचार करने की जरूरत है. अगर इस निर्णय को विश्वविद्यालय वापस नहीं लेती है तो छात्र संगठन जोरदार आंदोलन करेगी.

बाइट-एस एन मुंडा,वीसी,डीएसपीएमयू।

बाइट-भागवत कुमार,सचिव,छात्र संघ,डीएसपीएमयू।


Conclusion:
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