रांची: झारखंड में अनुसूचित जाति-जनजाति और महिलाओं को 50 साल की उम्र से ही वृद्धावस्था पेंशन मिलने लगेंगा. मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद इसे जमीन पर उतारने की तैयारी पूरी कर ली गई है. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में लाई जाएगी.
इसकी जानकारी देते हुए विभागीय सचिव कृपानंद झा ने कहा कि इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद झारखंड के 18 लाख नये लोगों के सर्वजन पेंशन योजना से जुड़ने की संभावना है. जिस पर सरकार का 2100 करोड़ से अधिक के व्यय होंगे. वर्तमान में 35 लाख 68 हजार 50 लाभार्थी को प्रतिमाह 1000 रुपया सर्वजन पेंशन योजना के जरिए उनके खाते में अग्रिम भुगतान किया जाता है. पिछले 4 वर्षों में राज्य में पेंशनधारियों की संख्या में 82% की वृद्धि हुई है.
2023 में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा अभियान के तहत कुल 6 लाख 56 हजार 808 अतिरिक्त पेंशनधारियों को इस योजना से जोड़ने का काम किया गया है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में सरकार के चार वर्षो में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कामकाज की जानकारी विभागीय सचिव ने दी. उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा पर जोर देने के उद्देश्य से शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2023 -24 में 39900.00 लाख के बजटीय प्रावधान किया गया. इससे कुल 9 लाख बालिकाओं एवं किशोरियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है, जिसमें 6 लाख 21 हजार 364 लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ मिल चुका है. जिस पर 30 लाख 318.974 लाख का व्यय हो चुके हैं.
आंगनबाड़ी में अंडा मुहैया कराने पर विभाग जल्द लेगा फैसला-सचिव: आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के मानदेय में हुई वृद्धि की चर्चा करते हुए विभागीय सचिव कृपानंद झा ने कहा कि जल्द ही आंगनबाड़ी केद्रों में बेंच डेस्क सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाएगी. हालांकि आंगनबाड़ी केद्रों में घोषणा अनुरूप अब तक सप्ताह में पांच दिन बच्चों को अंडा मुहैया नहीं कराने पर विभाग को जरूर असफलता हाथ लगी है. विभागीय सचिव ने मीडियाकर्मियों के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगले महीने तक विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा कि आंगनबाड़ी केद्रों तक किस तरह से बच्चों को अंडा मुहैया कराया जाए. कुछ तकनीकी अरचन की वजह से अभी तक यह उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.
कृपानंद झा ने कहा कि राज्य में विधवा पुनर्विवाह पर सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस साल से 2 लाख का आर्थिक राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इसके अलावे अल्प आय वाले परिवारों के प्रतिवर्ष 10000 से अधिक कन्याओं के विवाह पर 3000 लाख से अधिक का व्यय कर प्रति कन्या 30000 का आर्थिक सहायता भुगतान की जा रही है.
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