रांची: जमशेदपुर एक बड़ा शहर है. इसके बावजूद यहां नगरपालिका नहीं है. इसकी वजह से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जमशेदपुर अक्षेस के पास आवश्यक वित्तीय संसाधन नहीं हैं. जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि लंबे समय से विवाद चल रहा है.
विवाद का कारण यह है कि जमशेदपुर को नगर निगम बनाया जाए या फिर औद्योगिक शहर. इतना बड़ा शहर आज भी नोटिफाइड एरिया है, जो कहीं न कहीं संविधान के हिसाब से गलत है. नगरपालिका नहीं होने के कारण 14वें वित्त आयोग से नगर पालिकाओं के लिए स्वीकृत वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती है. अगर यह नगरपालिका होती तो हर साल कम से कम 50 से 100 करोड़ की वित्तीय सहायता मिलती. इस मामले को लेकर नगर विकास विभाग को भी पत्र लिखा गया था. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के स्तर पर एक मीटिंग भी हुई है और उम्मीद है कि एक और मीटिंग करके मामले का जल्द से जल्द निपटारा हो, क्योंकि नगरपालिका नहीं होने की वजह से आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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जमशेदपुर अक्षेस के पास वित्तीय संसाधन एकत्र करने की क्षमता करीब करीब जीरो हो गई है. सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर में नगर पालिका या नगर पालिका का वैधानिक विकल्प यानी औद्योगिक शहर में से किसी एक की प्रक्रिया जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस के पास वित्तीय आय के स्रोत जरूर चिंहित हैं, लेकिन यह स्रोत या तो टाटा स्टील के मुट्ठी में चले गए हैं या फिर सीधे राज्य सरकार के खाते में जा रहे हैं.