रांची: झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 91,277 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. बजट का सत्तापक्ष ने जमकर तारीफ की है. उन्होंने बजट को कोरोना महामारी संकट से लोगों को उभारने वाला बजट बताया है. सरकार में शामिल श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सरकार के बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों और मजदूरों के साथ-साथ सभी वर्गों के लिए है. उन्होंने कहा कि इस बजट में किस विभाग को क्या-क्या मिलेगा, सब कुछ स्पष्ट है, वित्त मंत्री के बजट को बिना पढ़े विपक्ष के नेता हंगामा कर रहे हैं, सदन में पहली बार ऐसा हुआ है, कि सत्ता पक्ष बजट पढ़ रहा है, तो दूसरी तरफ विपक्ष भी बजट पढ़ रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
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वहीं बजट की सराहना करते हुए कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा की बजट को स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, पिछले साल लगभग 86000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था, इस बार बजट को बढ़ाकर 91,277 करोड़ रुपये की गई है, जिस तरह से बजट का आकार बड़ा करने का सरकार ने काम किया है, इससे स्पष्ट है कि सरकार हर क्षेत्र में काम करना चाहती है और आने वाले दिनों में लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
सरकार ने सभी वर्गों का रखा ख्याल
विधायक प्रदीप यादव ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि बजट साल भर के लेखा-जोखा का अनुमानित रहता है, उसी अनुमान में सरकार ने बजट लाया है, सरकार बजट को 100% धरातल पर खरा उतारने का काम करेगी, पहली बार ऐसा हुआ है की जमीन और जरूरतों को ध्यान में रखकर बजट को पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में 70% आबादी कृषि पर निर्भर करती है और यह बजट पहला बजट है, जिसमें कृषि को फोकस किया गया है, ग्रामीण क्षेत्रों, श्रमिक कल्याण, नौजवानों और रोजगार सृजन करने को ध्यान में रखकर बजट लाया गया है, सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला मनरेगा को फोकस किया गया है, इस तरह स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि सभी वर्गों को ध्यान में रखकर सरकार ने बजट पेश किया है.
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भाकपा माले विधायक ने जताई नाराजगी
वहीं भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है, सिर्फ यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को छोड़कर बजट में कोई भी आकर्षण का केंद्र नहीं है, पिछले दिनों बजट से पूर्व मनरेगा की मजदूरी दर बढ़ाई गई थी, सरकार ने राज्य के लोगों को राशन देने का वादा किया था, इस बजट से लोगों को उम्मीद थी, लेकिन बजट में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को छोड़कर कुछ नया देखने को नहीं मिला, पिछले बजट में बिजली माफ करने की घोषणा की गई थी, उसे भी पूरा नहीं किया गया है, सरकार को ध्यान देने की जरूरत थी, कि ग्रामीण इलाकों में सड़कों की किस तरह से व्यवस्था की जाए, सड़कों का निर्माण कैसे किया जाए, लेकिन उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया, ग्रामीण योजना सिर्फ केंद्र सरकार पर अपेक्षित होकर रह गई है, बजट में लोगों को कुछ भी नई सौगात नहीं मिली है.