रांची: आरयू के सिंडिकेट की बैठक में बुधवार को तृतीय और चतुर्थ वर्गीय अनुबंध कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति को लेकर एक सूची तैयार की गई है. इस सूची को विधि विभाग के पास परामर्श के लिए भेजा गया है, लेकिन इस सूची में अहर्ता पूरा करने वाले जिन कर्मचारियों का नाम नहीं है, उन कर्मचारियों ने गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और डीएसडब्ल्यू को मांग पत्र सौंपा.
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राज्य सरकार के निर्देश के तहत रांची विश्वविद्यालय के ओर से तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति को लेकर तैयारी चल रही है. इसी तैयारी के तहत ऐसे कर्मचारी जो 10 सालों से अधिक समय तक अनुबंध पर विश्वविद्यालय में कार्यरत है, उन कर्मचारियों को स्थाई किया जाना है. हालांकि विधि विभाग से परामर्श के बाद ही इस पर निर्णय आ सकता है. उसके बाद इससे जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी. राज्य सरकार के ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही ऐसे कर्मचारियों को स्थाई तौर पर नियुक्त किया जाना है. इसी के तहत बुधवार को आरयू मुख्यालय में सिंडिकेट की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक के दौरान थर्ड ग्रेड के 64 और फोर्थ ग्रेड के 31 कर्मचारियों का नाम सूचीबद्ध करते हुए विधि विभाग के पास परामर्श के लिए भेजा गया है. कर्मचारियों का आरोप है कि इसमें ऐसे कई कर्मचारियों का नाम शामिल है, जिन्होंने 10 सालों की अर्हता को पूरा नहीं किया है, लेकिन जिन्होंने 10 सालों से ज्यादा समय तक यूनिवर्सिटी में कर्मचारी के रूप में सेवा दिया है. उन कर्मचारियों में से कई कर्मचारियों का नाम सूची में शामिल है ही नहीं. इसमें कई त्रुटियां है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय मनमाने तरीके से काम कर रही है.
कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
स्थाई नियुक्ति को लेकर बनाई गई सूची में जिनका नाम नहीं है उन्होंने विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने डीएसडब्ल्यू पीके वर्मा से मुलाकात कर मामले की शिकायत करते हुए उन्हें ज्ञापन भी सौंपा है.