रांची: आरपीएफ की मेरी सहेली की टीम ने एक बार फिर रांची रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिक बच्ची को प्लेटफार्म पर घूमते देखा. टीम ने उससे जब पूछताछ की तो पता चला वह घर से भागकर जयपुर राजस्थान जा रही है. उसके पास टिकट भी नहीं था. टीम ने उसे पकड़कर रांची चाइल्ड लाइन को सौंप दिया.
99 नाबालिगों को किया गया रेस्क्यू
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान अब तक कुल 99 नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है, जिसमें 23 लड़के और 76 लड़कियां हैं. बाल तस्करी का मामला लगातार झारखंड में देखने को मिल रहा है. सप्ताह में दो मामले बाल तस्करी के आ रहे हैं. इन मामलों का आरपीएफ के नन्हे फरिश्ते की टीम और मेरी सहेली की टीम की ओर से उद्भेदन किया जा रहा है. इन नाबालिगों को देश के दूसरे राज्यों और शहरों में तस्करी कर ले जाया जाता है.
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रांची रेल मंडल के आंकड़े
रांची रेल मंडल के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से नवंबर 2020 तक 99 नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से बचाया जा चुका है. ट्रेनों के जरिए नाबालिगों को विभिन्न राज्यों में ले जाया जाता है और उनसे जबरन काम करवाया जाता है.