रांचीः रिम्स में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का दावा कर छत्तीसगढ़ की एक छात्रा से 23 लाख की ठगी करने का मामले सामने आया है. रांची के 3 ठगों ने छत्तीसगढ़ के शैलेंद्र सिंह नामक शिक्षक से उनकी बेटी को रिम्स में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का वादा किया और एडमिशन में 23 लाख रुपए की डिमांड की, पैसे मिलने के बाद सभी ठग फरार हो गए.
क्या है पूरा मामला
रिम्स में एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर 23 लाख रुपए की ठगी कs मामला के संबंध में शैलेंद्र सिंह ने रांची के चुटिया थाना में आरोपी राजवीर सिंह, परिवेश बैठा और एक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है. ठगी के शिकार शिक्षक शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मैसेज के जरिए उनका संपर्क परिवेश बैठा नामक एक शख्स से हुआ, जिसमें यह बताया कि वह रांची के रिम्स में एडमिशन करवा सकता है. शैलेंद्र सिंह को अपनी बेटी का एडमिशन एमबीबीएस में करवाना था. परिवेश बैठा ने शैलेंद्र सिंह को यह भरोसा दिलाया कि रिम्स में उनकी बेटी का एडमिशन आसानी से हो जाएगा. एडमिशन में कुल 23 लाख रुपए लगेंगे.
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जब एडमिशन के सिलसिले में शैलेंद्र सिंह रांची पहुंचे तो परिवेश ने राजवीर सिंह नामक एक व्यक्ति से उन्हें मिलवाया और कहा कि यह रिम्स के कर्ता-धर्ता हैं और इन्हीं के माध्यम से उनकी बेटी का एडमिशन एमबीबीएस में होगा. परिवेश और राजवीर ने शैलेंद्र सिंह को रिम्स कैंपस ले जाकर कई लोगों से मिलवाया और यह भरोसा दिलाया कि वो लोग बेहद प्रभावशाली हैं और रिम्स में एडमिशन आसानी से करा सकते हैं.
4 अक्टूबर को दिया था 15 लाख
4 अक्टूबर को शैलेंद्र सिंह रांची पहुंचे. जहां उनकी मुलाकात आरोपी राजवीर सिंह से बरियातू स्थित एक होटल में हुई. इस बीच 15 लाख रुपए उन्होंने राजवीर सिंह को दिए. आरोपी ने शैलेंद्र सिंह को कहा कि उनके पास एक वेलकम लेटर पहुंचेगा. इसके बाद उन्हें बाकी के 8 लाख रुपए देने होंगे. 10 अक्टूबर को शैलेंद्र सिंह के पास एक फर्जी वेलकम लेटर पहुंचा. जिसके बाद वो फिर दोबारा 12 अक्टूबर को रांची पहुंचे. जहां आरोपी राजवीर सिंह ने उन्हें बांकी के 8 लाख मांगे और कहा कि जब तक पूरे पैसे नहीं मिलेंगे, तब तक एडमिशन नहीं होगा. एडमिशन न होने के डर से शैलेंद्र ने उसे पैसे दे दिए. जिसके बाद आरोपी ने शैलेंद्र को एडमिशन से संबंधित फर्जी लेटर दे दिया.
रिम्स पहुंचे तो पता चला सब दस्तावेज फर्जी
शैलेंद्र सिंह जब रिम्स में एडमिशन के लिए पहुंचे तब डायरेक्टर से मिलने पर पता चला कि आरोपी ने जो भी दस्तावेज दिए हैं, सब फर्जी हैं. जिसके बाद शैलेंद्र सिंह ने राजवीर और परिवेश के नंबर पर कई बार फोन किया लेकिन दोनों ही नंबर बंद मिले. रिम्स परिसर में उन दोनों के बारे में पूछने पर कोई जानकारी भी नहीं मिली. तब शैलेंद्र चुटिया थाना पहुंचे और मामला दर्ज कराया.
आरोपियों की तलाश जारी
रांची के चुटिया थाना प्रभारी रवि ठाकुर ने बताया कि एडमिशन के नाम पर 23 लाख की ठगी के मामले में पैसे की लेन-देन चुटिया थाना क्षेत्र में हुआ इसलिए मामला यहां दर्ज कराया गया है. फिलहाल पुलिस होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है.